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पप्पू यादव: CPM नेता हत्याकांड में 17 साल जेल, बाहुबली ही नहीं विवादित भी है करियर

बिहार के बाहुबली नेता पप्पू यादव ने आज अपनी जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस के साथ विलय पर लिया है। पप्पू यादव ने 2019 का लोकसभा चुनाव अपनी दम पर लड़ा था लेकिन हार गए थे। अब हम आपको बताएंगे कि पप्पू यादव का राजनीतिक सफर कितना विवादित रहा है।

Written By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Published : Mar 20, 2024 17:39 IST, Updated : Mar 20, 2024 17:39 IST
Pappu Yadav
Image Source : FILE PHOTO बिहार के बाहुबली नेता पप्पू यादव

बिहार के दिग्गज नेता पप्पू यादव ने अपनी जन अधिकार पार्टी (JAP) का कांग्रेस में विलय कर दिया है। पप्पू यादव अब कांग्रेस के टिकट पर पूर्णिया सीट से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। लेकिन पप्पू यादव बिहार के जितने बड़े नाम  हैं, उतने ही विवादित भी रहे हैं। एक समय उनकी पहचान बिहार के बाहुबली नेता की थी।  इतना ही नहीं सीपीएम नेता अजीत सरकार मर्डर केस में वह 17 साल जेल में भी गुजार चुके हैं। पांच बार सांसद और चार बार विधायक रहे पप्पू यादव कभी लालू यादव के दुलारे रहे  हैं। 

1990 में जीते थे पहला विधानसभा चुनाव

लेकिन पप्पू यादव का राजनीतिक सफर काफी विवाद और विपत्तियों भरा रहा है। ये साल था 2009 का जब पटना हाईकोर्ट ने उन्हें सीपीएम नेता अजीत सरकार की हत्या के मामले में दोषी करार दिया था। सजा सुनाए जाने के बाद 2 अप्रैल 2009 को उन्हें चुनाव लड़ने से रोक दिया गया। पप्पू यादव की सजा के बाद उनकी मां शांति प्रिया भी पूर्णिया सीट से चुनाव हार गईं। पप्पू यादव ने पहली बार 1990 में विधानसभा चुनाव जीता था। इसके बाद वो पांच बार लोकसभा का चुनाव जीते और पहले तीन टर्म निर्दलीय सांसद बने तो 2004 में आरजेडी के टिकट पर मधेपुरा से सांसद बने। 

2015 में बनाई जन अधिकारी पार्टी बनाई

इसके बाद 2013 में पटना हाईकोर्ट से राहत मिली तो पप्पू यादव ने फिर आरजेडी के टिकट पर 2014 का चुनाव लड़ा और जीता भी। तेजस्वी यादव से मतभेद के बाद 2015 में उन्होंने अपनी अलग पार्टी बनाई, लेकिन 2019 के चुनाव में जब अपने बल पर चुनाव लड़े तो पप्पू यादव को हकीकत का अहसास हो  गया और वो चुनाव हार गए। शायद यही वजह है कि वो लोकसभा चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस में शामिल होने जा रहे हैं।

सितंबर 2020 में पप्पू यादव ने बिहार विधानसभा चुनावों से ठीक पहले पीपुल्स डेमोक्रेटिक अलायंस (पीडीए) बनाया था। इस गठबंधन में बहुजन मुक्ति पार्टी और एसडीपीआई के अलावा भारतीय मुस्लिम लीग और चंद्रशेखर की भीम आर्मी भी शामिल थी।

विवादों में हमेशा रहा नाम

पप्पू यादव बिहार के केवल बाहुबली ही नहीं बल्कि विवादित नेता भी रहे हैं। साल 1998 के अजीत सरकार हत्याकांड में उन्हें साल 2008 में सजा हो गई थी और जेल जाना पड़ा था। इसके बाद साल 2013 में उन्होंने एक किताब में यशवंत सिन्हा पर गंभीर आरोप लगाए थे, जिसके बाद विवाद हो गया था। इसमें पप्पू यादव ने कहा था कि उनकी इंडियन फेडरल डेमोक्रेटिक पार्टी के तीन सांसदों को साल 2001 में एनडीए में शामिल कराने की कोशिश की गई। इसके लिए तत्कालीन वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने पैसे दिए थे। पप्पू यादव के सिसायसी सफर से पहले उनके आपराधिक जीवन की शुरुआत हो चुकी थी। हत्या, किडनैपिंग, मारपीट और बूथ कैप्चरिंग जैसे दर्जनों मामले पप्पू यादव के खिलाफ दर्ज हैं। देखा जाए तो पप्पू यादव के विवादों की फेहरिस्त उनके राजनीतिक करियर से बड़ी है।

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