पटना: कोरोना के कारण बिहार में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव समय पर नहीं हो पाएंगे। इस महीने 15 जून को खत्म हो रहे वर्त्तमान पंचायत प्रतिनिधियों के कार्यकाल के बाद सरकार ने चुनाव कराए जाने की जगह एक बीच का रास्ता निकाला है। आज कैबिनेट की बैठक में इस फैसले पर मुहर लगी है कि पंचायत चुनाव नहीं होने तक बिहार में पंचायत, ग्राम कचहरी, पंचायत समिति, जिला परिषद में परामर्शी समिति का गठन किया जाएगा।
सरकार के इस निर्णय के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि बिहार में पंचायत प्रतिनिधियों के कार्यकाल का विस्तार नहीं किया जायेगा। नीतीश सरकार ने पंचायती राज अधिनियम 2006 में संशोधन किया है। अधिनियम के धारा 14, 39, 66 और 92 में संशोधन किया गया है।
परामर्श समिति में अफसर और वर्त्तमान पंचायत प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा। जब तक अगला चुनाव नहीं होगा तब तक परामर्श समिति को ही शक्ति दी जाएगी। राजद, हम, बीजेपी समेत कई पार्टियों ने सरकार से वर्तमान पंचायत प्रतिनिधियों को ही एक्सटेंशन देने की मांग की थी लेकिन सरकार ने बीच का रास्ता निकाल लिया है।
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