पटना: बिहार की राजनीति के लिए एक बात कही जाती है कि जब-जब आपको लगता है कि आपने बिहार को समझ लिया, तब-तब बिहार आपको चौंकता है। इस बार भी यही हुआ है। नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ सरकार चला रहे थे। वह पिछले 17 महीने से इस सरकार के मुखिया थे। इससे पहले भी वह एनडीए के साथ सरकार चला रहे थे। इस बार भी उन्होंने एनडीए का साथ चुना है।
नीतीश कुमार ने पहली बार शपथ मार्च 2000 में ली थी
नीतीश कुमार ने नौवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। नीतीश ने सीएम पद की पहली बार शपथ मार्च 2000 में ली थी, लेकिन वह केवल 7 दिनों ही इस पद पर रह सके थे। शपथ लेने के बाद जब विधानसभा में बहुमत साबित करने की बारी आई तब वह इसमें नाकाम रहे थे और उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद नीतीश कुमार दूसरी बार नवंबर 2005 में सीएम पद की शपथ ली थी।
तीसरी बार नवंबर 2010 में सीएम पद की शपथ ली
इस बार नीतीश कुमार ने अपना कार्यकाल पूरा किया। वहीं तीसरी बार नीतीश कुमार ने नवंबर 2010 में सीएम पद की शपथ ली। हालांकि इसके बाद साल 2013 में नीतीश कुमार ने एनडीए का साथ छोड़ दिया था और अकेले ही सरकार चलाना शुरू कर दिया। इसके बाद लोकसभा चुनाव 2014 में बुरे प्रदर्शन के बाद नीतीश कुमार ने सीएम पद की कुर्सी जीतनराम मांझी को सौंप दी। लेकिन इसके बाद उन्होंने फरवरी 2015 में जीतनराम मांझी को कुर्सी से हटाया और चौथी बार सीएम की शपथ ली।
2015 का विधानसभा चुनाव जेडीयू ने महागठबंधन के साथ लड़ा
इसके बाद 2015 का विधानसभा चुनाव जेडीयू ने महागठबंधन के साथ लड़ा। महागठबंधन को बहुमत मिला और नवंबर 2015 में नीतीश कुमार पांचवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की। लेकिन यह गठबंधन भी जुलाई 2017 तक चला और नीतीश कुमार ने एक बार फिर से पाला बदला और एनडीए के सहयोग से जुलाई 2017 में छठी बार शपथ ली। वहीं उन्होंने 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में जेडीयू एनडीए के साथ ही चुनाव लड़ा और नवंबर 2020 में सातवीं बार सीएम पद की शपथ ली, लेकिन इसके बाद अगस्त 2022 नीतीश कुमार एक बार फिर से पलते और एनडीए से नाता तोड़कर महागठबंधन के साथ आ गए और आठवीं बार शपथ ली। अब एक बार फिर से नीतीश कुमार का मन बदला है। उन्होंने फिर से महागठबंधन का साथ छोड़कर एनडीए का हाथ थामा है और 28 जनवरी 2024 को नौवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है।