पटना: बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज से अपने चुनाव प्रचार की शुरुआत की। उन्होंने 'निश्चय संवाद रैली' के जरिए बिहार की जनता को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने बिहार सरकार की उपलब्धियां भी गिनाई। बता दें कि यह रैली ऑनलाइन हुई और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना स्थित जनता दल युनाइटेड (JDU) के कार्यालय से ही बिहार की जनता को संबोधित किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह पहली चुनावी रैली है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्ष के नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि जो लेाग कुछ नहीं जानते वे कुछ भी बोल देते हैं, लेकिन उन्हें जानना चाहिए। उन्होंने कहा, हमलोग काम करते हैं, प्रचार नहीं करते हैं। जिन्हें कुछ जानकारी नहीं, वे कुछ भी बोलते रहते हैं।" उन्होंने दावा करते हुए कहा कि लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए लगातार काम हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में 14 करोड़ 71 लाख से ज्यादा मानव दिवस का सृजन किया गया है।
उन्होंने लोगों को सचेत करते हुए कहा कि आज भले ही कोरोना मरीजों की संख्या में कमी आई है, लेकिन कल क्या होगा, कोई नहीं जानता। इस कारण लोगों को भयभीत नहीं सचेत रहने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने दावा करते हुए कहा कि आज एक दिन में 1.50 लाख से ज्यादा लोगों की कोरोना जांच कराई जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज आपदा राहत के लिए कई काम हो रहे हैं, लेकिन पहले क्या होता था? कुछ मिलता था क्या? उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद बाढ़ प्रभावित इलाकों के प्रत्येक परिवारों को ग्रैच्यूटस रिलीफ के रूप में 6000 राशि दी जा रही है। उन्होंने दोहराते हुए कहा कि सरकारी खजाने पर आपदा पीड़ितों का पहला अधिकार है।
अपनी उपलब्धियां गिनाते हुए सीएम नीतीश ने कहा, बिहार में रोजाना 1.5 लाख से ज्यादा टेस्ट हो रहे हैं और 10 लाख की जनसंख्या पर 32,233 लोगों की जांच की गई है। उन्होंने कहा, जांच तीन तरह की है जिसमें से एक आरटीपीसीआर है। आज 11350 रोजाना टेस्ट हो रहे हैं जिसे और बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा, भारत सरकार से अनुरोध किया तो सरकार से 10 आरटीपीसीआर मशीने मिलने वाली हैं जिसके बाद आरटीपीसीआर की 23350 जांच की क्षमता हो जाएगी। रैपिड एंटीजेन टेस्ट सबसे ज्यादा हो रहा है जिसका रिजल्ट 15 मिनट में आता है और इसका परिणाम 100 प्रतिशत सही है।
सीएम ने कहा, होम आइसोलेशन के बाहर अगर किसी को उपचार के लिए जाना पड़े तो 3 तरह की सुविधा उपलब्ध है जिनमें कोविड केयर सेंटर, कोविड हेल्थ सेंटर और डेडिकेटिड कोविड अस्पताल हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में इतना इंतजाम कर दिया है कि जरूरत से ज्यादा वेंटिलेटर और बेड उपलब्ध है।
सीएम ने कहा, बिहार में कोरोना से अगर किसी की मृत्यु होती है तो मुख्यमंत्री राहत कोष से मदद देने का फैसला किया है, 4 लाख रुपए की परिजनों को मदद कर रहे हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य कर्मियों का मनोबल बना रहे इसके लिए 1 महीने का वेतन प्रोत्साहन राशि के तौर पर देने का फैसला किया है और किसी कोरोना वारियर की मृत्यु होने पर उसके आश्रित को नौकरी या फिर जो वेतन आज मिल रहा था वह रिटायरमेंट तक देने का फैसला किया गया है।
उन्होंने कहा, लॉकडाउन के दौरान जो लोग फंसे हुए थे उनके साथ संपर्क के लिए पूरा प्रबंध किया और 1000 रुपए की सहायता देने का फैसला हुआ। 20.95 लाख लोगों को हमने 1000 रुपए सहायता दी है। जब अप्रैल में हमने ट्रेन चलाई तो अधिक संक्रमण वाले शहरों से आने वाले लोगों के लिए क्वॉरंटीन सेंटर बनाए और 15 लाख से ज्यादा लोगों को 14 दिन के लिए रखा गया। हर व्यक्ति पर राज्य सरकार की तरफ से 14 दिन में 5300 रुपए खर्च किए गए। राशनकार्ड धारकों को 1000 रुपए प्रति परिवार की मदद की। केंद्र ने हर परिवार में हर व्यक्ति को 5-5 किलो मुफ्त चावल या गेहूं और 1 किलो दाल उपलब्ध कराई गई, नवंबर तक यह सुविधा देने का फैसला हुआ है। स्कूल नहीं चल रहे हैं लेकिन फिर भी मिडडे मील की राशि बच्चों के घरों तक पहुंचाई जा रही है और राज्य सरकार की तरफ से यह पैसा दिया जा रहा है, दूरदर्शन बिहार की तरफ से ऑनलाइन शिक्षा पहुंचाई जा रही है।