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CM नीतीश के बेटे की राजनीति में एंट्री! जेडीयू दफ्तर के बाहर लगा पोस्टर- "बिहार की मांग, सुन लीजिए निशांत..."

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सीएम नीतीश के बेटे निशांत कुमार की राजनीति में एंट्री तय माना जा रहा है। होली में जहां वो एक्टिव नजर आए, तो वहीं अब जेडीयू दफ्तर के बाहर उनके समर्थन में पोस्टर लगाया गया है।

Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Published : Mar 17, 2025 6:40 IST, Updated : Mar 17, 2025 6:55 IST
नीतीश कुमार और निशांत कुमार
Image Source : FILE PHOTO नीतीश कुमार और निशांत कुमार

बिहार विधानसभा चुनाव इसी साल होने हैं। उससे पहले बिहार की राजनीति में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार की चर्चा खूब हो रही है। राजनीति में निशांत की एंट्री को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। होली के मौके पर भी निशांत सक्रिए नजर आए। शनिवार को सीएम नीतीश के आवास पर आयोजित होली मिलन समारोह में निशांत अपने पिता नीतीश कुमार के साथ जेडीयू के सीनियर नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात करते दिखें। इस बीच, जेडीयू के कार्यकर्ताओं ने पार्टी ऑफिस पर निशांत के स्वागत वाले पोस्टर्स भी लगा दिए हैं।

पार्टी कार्यालय के बाहर पोस्टर

जेडीयू समर्थकों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार के समर्थन में पटना में पार्टी कार्यालय के बाहर पोस्टर लगाया है। पोस्टरों पर लिखा है, 'बिहार की मांग, सुन लीजिए निशांत, बहुत-बहुत धन्यवाद' (निशांत, बिहार की मांगों को सुनने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद)।

जेडीयू कार्यकर्ताओं का दावा?

इससे ऐसा लग रहा है कि नीतीश कुमार के बेटे ने राजनीति में एंट्री का मन बना लिया है। जेडीयू कार्यकर्ताओं का दावा है कि निशांत ने राजनीति में एंट्री के लिए अपनी सहमति दे दी है। होली के दिन कार्यकर्ताओं और नेताओं से मुलाकात में उन्होंने हामी भरी है। पार्टी नेताओं का कहना है कि अब नीतीश कुमार को तय करना है।

निशांत पर क्या बोले तेजस्वी?

वहीं बीते दिनों राजद नेता तेजस्वी यादव ने दावा किया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू में मौजूद संघी तत्व उनके बेटे निशांत के राजनीति में प्रवेश को रोकने के लिए साजिश रच रहे हैं। उनका मानना ​​है कि निशांत के राजनीति में आने से जदयू के विलुप्त होने से बच जाने की संभावना है, जो बीजेपी और उसके समर्थकों को पसंद नहीं है। तेजस्वी यादव ने कहा, "सबसे पहले तो यह स्पष्ट होना चाहिए कि चाहे निशांत हो या कोई और राजनीति में प्रवेश करने का निर्णय व्यक्ति का अपना होना चाहिए। मेरे माता-पिता (पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद और राबड़ी देवी) ने मुझे राजनीति में आने के लिए नहीं कहा था। मैंने बिहार का दौरा करने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं और आम जनता का मूड भांपते हुए खुद यह निर्णय लिया।"

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