देश के अलग-अलग हिस्सों में रामनवमी और हनुमान जयंती के मौके पर कई जगहों पर हिंसा हुई थी। अब इस पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रतिक्रिया आई है। नीतीश कुमार ने कहा, 'हम लोगों के यहां यह सब नहीं के बराबर होता है, यहां स्थिति ठीक है। वैसे जिसके जो मन में आता है वह बोलता रहता है। हम लोग तो चाहेंगे कि आपस में प्रेम भाईचारे का भाव रखना चाहिए। किसी भी धर्म को मानने वाला हो, उसका अपना तरीका है, वह अपने ढंग से करे।'
नीतीश कुमार ने आगे कहा, 'आपस में विवाद नहीं करना चाहिए। अपने-अपने धर्म का पालन कीजिए कोई रोक-टोक थोड़े ही है। पूजा में विश्वास करते हैं तो ठीक से पूजा कीजिए। एक दूसरे से झगड़े का पूजा से क्या संबंध है। कोई भी धर्म के हो जो ऐसा विवाद करता है मान लीजिए उसको धर्म से कोई मतलब नहीं है। इसका मतलब वह सही आदमी नहीं है।'
उन्होंने कहा, 'यहां अलर्टनेस है लेकिन कुछ न कुछ तो इधर-उधर होता ही है, हम लोग सब की इज्जत करते हैं। कुछ मंत्रियों की तरफ से दिए बयान पर कहा कि मुझे नहीं मालूम है, जब ऐसा कोई स्टेटमेंट दे तो मुझे फोन कीजियेगा,हम उनसे पूछ लेंगे।'
प्रशांत किशोर पर क्या बोले नीतीश कुमार?
प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा पर नीतीश कुमार ने कहा कि इस पर मेरी कोई प्रतिक्रिया नहीं है। राजनीतिक रूप से सबको अपना अधिकार है कोई क्या करना चाहता है। हमारा व्यक्तिगत संबंध जरूर है, लेकिन मुझसे जब भी बात होती है तो यह सब बात नहीं होती है, सबसे पहले बीजेपी के साथ था फिर हम लोग के साथ है या फिर कहां-कहां चला गया।'
नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में जिस हिसाब से गर्मी पड़ रही है, वह बहुत ज्यादा है। आज भी सूबे के कुछ जिलों में पारा 44 डिग्री के ऊपर चला गया है। नीतीश कुमार ने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग समेत आपदा प्रबंधन विभाग और सरकार के दूसरे विभागों एजेंसियों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि भीषण गर्मी की वजह से जिन दूसरी बीमारियों की आशंका बढ़ी है, उसको लेकर भी स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट कर दिया गया है।
नीतीश कुमार ने बिहार में कोरोना संक्रमण के मामलों को लेकर भी सतर्कता बरतने की जरूरत बताई। नीतीश कुमार ने कहा कि देश के कई हिस्सों में कोरोना के मामले फिर से बढ़ रहे हैं इसलिए जरूरी हो जाता है कि लोग एहतियात बरतें। हमने इसके लिए पहले से ही विभागों को निर्देश दे रखा है लेकिन आम लोगों की जागरूकता खत्म नहीं होनी चाहिए।