पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मगही और भोजपुरी भाषा को लेकर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बयान पर सोमवार को कहा कि दोनों जगह के लोग एक-दूसरे की इज्जत करते हैं और उनके बीच प्रेम एवं सम्मान का भाव है। साथ ही उन्होंने कहा कि झारखंड के अलग हो जाने के बाद लोगों को लगा था कि बिहार बर्बाद हो जाएगा, बिहार में कुछ नहीं बचेगा, लेकिन ये सब धारणाएं गलत साबित हुईं और बिहार का तेजी से विकास हो रहा है तथा बिहार में कई संस्थानों की स्थापना की गई है।
‘बिहार के लोगों का झारखंड के प्रति पूरा का पूरा प्रेम है’
‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की टिप्पणी को लेकर पूछे गए प्रश्न का जवाब देते हुए नीतीश ने कहा, ‘जिन लोगों को इसका एहसास नहीं कि बिहार एक था, बिहार तो 2000 में दो हिस्सों में बंटा। बिहार के लोगों का झारखंड के प्रति पूरा का पूरा प्रेम है और झारखंड के लोगों का भी बिहार के प्रति प्रेम है। पता नहीं राजनीतिक रूप से लोग क्या बोलते हैं, ये बात समझ में नहीं आती।’
‘बिहार-झारखंड तो भाई हैं, एक ही परिवार के सब लोग हैं’
नीतीश ने कहा,‘झारखंड के एक-एक आदमी के प्रति हम लोगों की श्रद्धा है। बिहार-झारखंड तो भाई हैं, एक ही परिवार के सब लोग हैं। वैसे तो पूरा देश के लोग एक परिवार के हैं। पहले जब बिहार और झारखंड एक था तब लोग काम करने झारखंड जाते थे लेकिन अब कोई नहीं जाता है। बिहार का बंटवारा होने के बाद बिहार के लोगों में काफी मायूसी आ गई थी। झारखंड के अलग हो जाने के बाद लोगों को लगा था कि बिहार बर्बाद हो जाएगा, बिहार में कुछ नहीं बचेगा, लेकिन ये सब धारणाएं गलत साबित हुईं और बिहार का तेजी से विकास हो रहा है तथा बिहार में कई संस्थानों की स्थापना की गई है।’
‘बिहार के ही कुछ इलाकों में बंगाल की भाषा बोली जाती है’
मगही और भोजपुरी बोलने वालों को झारखंड के मुख्यमंत्री द्वारा दबंग कहे जाने पर नीतीश ने कहा कि कोई दबंग नहीं है, ऐसी बात नहीं सोचनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘अलग-अलग भाषा बोलने वाले लोग विभिन्न राज्यों में रहते हैं। बिहार के ही कुछ इलाकों में बंगाल की भाषा बोली जाती है। इसी तरह उत्तर प्रदेश और झारखंड के कुछ इलाकों में भी बिहार की भाषा बोली जाती है। भाषा को लेकर ऐसी सोच ठीक नहीं है। अगर किसी को कोई राजनीतिक लाभ लेना है तो वह अलग बात है। हम लोग ऐसी बात कभी नहीं सोचते हैं। हम लोगों का झारखंड के प्रति प्रेम और सम्मान का भाव है।’
‘केंद्र सरकार से जो टीके मिलने चाहिए, वो मिल रहे हैं’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर बिहार में कोरोना टीकाकरण को लेकर चलाए गए ‘महा-अभियान’ के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा, ‘प्रधानमंत्री जी के जन्मदिवस के अवसर पर हम लोगों ने तय किया था कि कम से कम 30 लाख टीके लगाए जाएंगे लेकिन इस लक्ष्य को पार करते हुए 33 लाख से अधिक टीके लगाए गए। केंद्र सरकार से जो टीके मिलने चाहिए, वो मिल रहे हैं। इसको लेकर हमारी सरकार के लोग केंद्र से बातचीत करते रहते हैं।’