Highlights
- जितना खर्च होगा करेंगे, लेकिन जातिगत जनगणना करेंगे
- न्याय के साथ होता रहेगा विकास, नई पीढ़ी के लोग साथ हैं: नीतीश
- बिहार में प्रजनन दर 2.9%, इसे 2% तक लाया जाएगा
Nitish Kumar: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बिहार कि सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि हम लोगों का यह मन है कि 10 लाख की बजाय 20 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देंगे। हाल ही में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से जब उनके द्वारा दिए गए 10 लाख की नौकरी के वादे पर सवाल पूछा गया था। तब तेजस्वी ने कहा था कि हम अभी डिप्टी सीएम हैं, जब सीएम बनेंगे तब 10 लाख लोगों को रोजगार देने की बात करेंगे। उनके इस वक्तव्य के बाद वे काफी चर्चा में आए। उन पर बीजेपी के केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी कटाक्ष किया था। अब आज स्वतंत्रता दिवस पर नीतीश कुमार ने तेजस्वी के वादे से एक कदम और आगे बढ़कर नौकरियों पर अपने 'मन की बात' कह दी। उन्होंने कहा कि युवाओं को रोजगार और नौकरी बड़ी संख्या में देंगे, अब हम लोग एक साथ हैं। हम लोगों का कंसेप्ट है कम से कम 10 लाख तो कर ही दें। इतना नौकरी और रोजगार का इंतजाम करेंगे। सरकार और सरकार से बाहर भी कि यह हो जाएगा और हम लोग का तो मन है कि इसको 20 लाख तक पहुंचा दें।
जितना खर्च होगा करेंगे, लेकिन जातिगत जनगणना करेंगे
स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में नीतीश कुमार ने जातिगत जनगणना पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि सरकार जाति आधारित गणना करा रही है। 500 करोड़ रुपए इसके लिए खर्च किए जाएंगे। जितना खर्च होगा करेंगे, लेकिन गणना करेंगे। गणना के अलावा हर परिवार की चाहे वह किसी जाति का हो, आर्थिक स्थिति का सर्वेक्षण भी करेंगे ताकि गरीबों के उत्थान के लिए योजनाएं बनाई जा सकें।
न्याय के साथ होता रहेगा विकास, नई पीढ़ी के लोग साथ हैं: नीतीश
नीतीश ने कहा कि सर्वेक्षण से मिली जानकारी के आधार पर जो भी उनके लिए करना होगा करेंगे, जो मांग करनी है वह करते रहेंगे और राज्य की जो जिम्मेदारी है उसको भी करते रहेंगे। तभी न्याय के साथ विकास होता रहेगा।नीतीश कुमार ने कहा कि नई पीढ़ी के लोग अब जो हमारे साथ हैं, उपमुख्यमंत्री हैं, बहुत तेजी से सब लोग मिलकर विकास का काम आगे बढ़ाएंगे।
जनसंख्या नियंत्रण पर नीतीश ने कही ये बात
उन्होंने कहा कि बिहार का प्रजनन दर 2005 में 4.3% था। बाद में वह घटकर 3% हो गया और अभी की जानकारी के अनुसार ये 2.9 पर आ गया है, आगे इसे 2% तक लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि बच्चियों को पढ़ाएंगे तो यह प्रतिशत दो पर भी पहुंच जाएग।. चाइना ने पहले एक पर सीमित किया, हालत खराब हो गई फिर दो किया। अब तीन किया है, इसलिए यह सब बेकार चीज है, असली चीज है पढ़ाना।