पटना/नई दिल्ली: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार की शाम दिल्ली से पटना पहुंचने पर कहा कि विपक्षी दलों की एकजुटता को लेकर देश की राजधानी में कई दलों के नेताओं से उनकी बातचीत हुई। वहीं दूसरी तरफ नीतीश के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ महागठबंधन में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने गुरुवार को हीकेंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इस ताजा घटनाक्रम के बाद राज्य में नए सियासी समीकरण बनने की अटकलें लगाई जा रही हैं।
‘दिल्ली में सभी लोगों से अच्छी बातचीत हुई’
पटना एयरपोर्ट पर दिल्ली यात्रा को लेकर पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘कल और आज दिल्ली में कई दलों के नेताओं से मुलाकात हुई। यह कोई नई बात नहीं है। पहले भी दिल्ली में साथ में बैठकर बातें हुई हैं। विपक्षी दलों की एकजुटता के लिए प्रयास किया जा रहा है। इसको लेकर सभी लोगों ने अपना बयान दिया है। हम लोग विपक्षी दलों की एकजुटता का काम कर रहे हैं। दिल्ली में सभी लोगों से अच्छी बातचीत हुई है। विपक्षी एकजुटता को लेकर सभी पार्टियों के नेताओं के साथ चर्चा हो रही है, आगे भी चर्चा होगी।’
‘लोग खबर छपवाने के लिए बोलते रहते हैं’
नीतीश ने कहा कि चर्चाओं के दौर के बाद एकजुट होने को लेकर निर्णय लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि अभी हम लोग उसी काम में लगे हुए हैं। विपक्षी दलों की एकजुटता को लेकर भारतीय जनता पार्टी के सवाल उठाने पर जेडीयू नेता ने कहा, ‘कौन क्या सवाल उठाता है, उससे हमें कोई लेना नहीं है। उनलोगों की बातों का कोई मतलब नहीं है। खबर छपवाने के लिए वे लोग बोलते रहते हैं। उन लोगों की बातों पर कुछ भी टिप्पणी करने की जरुरत नहीं है।’
‘मैंने नीतीश के साथ बने रहने की शपथ ली है’
जब नीतीश बीजेपी के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश में जुटे हुए थे, ठीक उसी समय मांझी गृह मंत्री शाह मुलाकात कर रहे थे। हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने किसी भी तरह की अटकलों पर विराम लगाने की कोशिश की और अपने इस दावे को दोहराया कि नीतीश में देश का प्रधानमंत्री बनने के सभी गुण हैं। मांझी ने कहा कि उन्होंने नीतीश के साथ बने रहने की शपथ ली है। बीजेपी के साथ हाथ मिलाने की किसी भी संभावना को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि उसने ‘HAM’ जैसे छोटे दलों के अस्तित्व के खिलाफ बोला है।
मांझी की मांग, दशरथ को मिले ‘भारत रत्न’
बता दें कि दलित नेता मांझी के बेटे राज्य में RJD-JDU-कांग्रेस और वामपंथी दलों की महागठबंधन सरकार में मंत्री हैं। मांझी की शाह से मुलाकात, दशरथ मांझी को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने की ‘HAM’ की मांग की पृष्ठभूमि में हुई है। बता दें कि दशरथ मांझी ने पहाड़ की 2 दशक तक खुदाई कर एक रास्ता बनाया था। उनकी इस उपलब्धि पर एक फिल्म भी बनी है। शाह के साथ अपनी बैठक के बाद मांझी ने अटकलों पर विराम लगाने के लिए नीतीश से भी मुलाकात की।
बिहार में छोटे दलों को साधने में जुटी बीजेपी
वहीं, बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर बिहार में छोटे दलों को साधने में जुटी हुई है। मांझी ने कहा, ‘नीतीश कुमार में प्रधानमंत्री बनने के सभी गुण हैं और वह 2024 में बदलाव लाने के लिए विपक्षी दलों को एकजुट करने का ईमानदार प्रयास कर रहे हैं। वह जहां भी हैं, मैं उनके साथ हूं।’ बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में JDU की करारी हार के बाद नीतीश कुमार द्वारा मुख्यमंत्री पद के लिए चुने गए जीतन राम मांझी ने 2015 में उन्हें कुर्सी सौंपने को कहे जाने पर बगावत कर दी थी और बीजेपी से हाथ मिला लिया था।