पटना: नीतीश कुमार अगले सप्ताह चौथे कार्यकाल के लिए बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं, लेकिन शपथ ग्रहण की तिथि को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है। राजनीतिक हलकों में अटकलें लगाई जा रही हैं कि वह सोमवार को शपथ लेंगे। उसी दिन 'भैया दूज' त्योहार मनाया जाएगा, जिसे शुभ दिन माना जाता है। नीतीश के एक करीब सहयोगी ने कहा कि वे अगले सप्ताह चौथे कार्यकाल के लिए बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं, लेकिन तिथि को अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है।
नीतीश, नवनिर्वाचित विधायकों और अपनी पार्टी जद (यू) के अन्य पदाधिकारियों से मिलने आज पटना स्थित पार्टी के राज्य मुख्यालय पहुंचे। राजभवन के सूत्रों ने कहा कि शपथ ग्रहण समारोह कब होगा, इसके बारे में उन्हें कोई संवाद नहीं मिला है। नीतीश कुमार को दोबारा शपथ ग्रहण लेने से पहले उन्हें राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपना होगा।
राजग के नवनिर्वाचित विधायकों की औपचारिक बैठक अभी नहीं हुई है और राजग ने उन्हें अपना नेता औपचारिक रूप से घोषित नहीं किया है। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भाजपा के शीर्ष नेताओं ने नीतीश को मुख्यमंत्री के रूप में समर्थन दिया है। इस बीच, मुख्य निर्वाचन अधिकारी एच आर श्रीनिवास ने बृहस्पतिवार को राजभवन जाकर विधानसभा चुनाव में विजयी उम्मीदवारों की सूची राज्यपाल को सौंपी।
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और नीतीश कुमार के जनता दल यूनाइटेड ने मिलकर चुनाव लड़ा था। बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के ये दो मुख्य घटक दल हैं और साथ में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा तथा विकासशील इंसान पार्टी भी चुनावों में इनके घटक दल थे। चु्नाव नतीजों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को 125 सीटों पर जीत मिली है। सरकार बनाने के लिए 122 सीटों की जरूरत थी। 125 सीटों में 74 भारतीय जनता पार्टी, 43 जनता दल यूनाइटेड तथा 4-4 सीटें HAM और VIP को मिली हैं।
बुधवार को भाजपा मुख्यालय पर 'धन्यवाद समारोह' को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए के कार्य करने की बात कही। इससे संकेत साफ हो गए हैं कि मुख्यमंत्री पद को लेकर एनडीए में किसी तरह का कोई पेंच नहीं फंसा है। हालांकि, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह चुनाव के पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि भले ही जदयू की सीटें कम आएं, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही बनेंगे।