पटना. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जेडीयू की तरफ से पीएम मटेरियल है, ये बात पार्टी ने अब आधिकारिक तौर पर साफ कर दी है। इसे लेकर बकायदा जेडीयू की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में प्रस्ताव पारित कर दिया गया है। ये प्रस्ताव पटना में साढे तीन घंटे तक चली राष्ट्रीय परिषद की बैठक में पेश किया गया था, जिसे सर्वसम्मति से पास कर दिया गया।
प्रस्ताव में कहा गया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में वो सारी योग्यताएं हैं जो एक प्रधानमंत्री में होनी चाहिए. अब तक नीतीश कुमार के पीएम मटेरियल होने की बात पार्टी के अलग-अलग नेता निजी तौर पर कहा कहा करते थे लेकिन अब ये बात जेडीयू की तरफ से ऑफिशियल है।
जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष लल्लन सिंह ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने देश का पीएम बनने के लिए सभी क्षमताएं हैं। उन्होंने कहा, "पीएम बनने के गुण होने और दावा पेश करने में अंतर है। पीएम मटेरियल का मतलब है कि उनमें (नीतीश कुमार) देश का नेतृत्व करने की क्षमता और क्षमता है। हम एक छोटी पार्टी हैं, इसके लिए हम कैसे दावा करेंगे।"
जेडीयू के प्रधान महासचिव और प्रवक्ता केसी त्यागी ने भी रविवार को यही बात कही। उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में प्रधानमंत्री बनने की योग्यता है लेकिन वह प्रधानमंत्री पद के दावेदार नहीं हैं। पटना स्थित जदयू मुख्यालय में पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए त्यागी ने कहा कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री पद के दावेदार नहीं हैं, हमारी पार्टी मजबूती के साथ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में है जिसके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। नीतीश कुमार में प्रधानमंत्री बनने की योग्यता है लेकिन वे प्रधानमंत्री पद के दावेदार नहीं।
जदयू केंद्र और राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सहयोगी है। नीतीश कुमार ने केसी त्यागी के उक्त कथन पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
केसी त्यागी ने कहा, ‘‘हम राजग में हैं और गठबंधन का पुरजोर समर्थन करते हैं। पार्टी विभिन्न विषयों पर मुद्दों को हल करने के लिए समन्वय समिति के गठन का स्वागत करेगी। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान समन्वय समिति का गठन कर कई काम किए गए।’’ उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ने की जदयू की योजना के बारे में पूछे जाने पर त्यागी ने कहा, ‘‘हम मणिपुर और उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। हमारी पहली प्राथमिकता भाजपा के साथ गठबंधन करना है। गठबंधन नहीं हो पाने की स्थिति में हम स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ेंगे।