Sunday, January 12, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. बिहार
  3. 'बिहार की विकास दर पर्याप्त नहीं...इसीलिए विशेष राज्य का दर्जा चाहिए', CM नीतीश कुमार

'बिहार की विकास दर पर्याप्त नहीं...इसीलिए विशेष राज्य का दर्जा चाहिए', CM नीतीश कुमार

बिहार के योजना और क्रियान्वयन मंत्री बिजेंद्र यादव ने भी इस संबंध में हाल ही में नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार को पत्र लिखा और जोर देकर कहा है कि बिहार ‘‘विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त करने की सभी अर्हताओं को पूरा करता है।’’

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : December 13, 2021 16:26 IST
'बिहार की विकास दर पर्याप्त नहीं...इसीलिए विशेष राज्य का दर्जा चाहिए', CM नीतीश कुमार
Image Source : PTI 'बिहार की विकास दर पर्याप्त नहीं...इसीलिए विशेष राज्य का दर्जा चाहिए', CM नीतीश कुमार

Highlights

  • CM नीतीश कुमार ने दोहराई बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग
  • बिहार सरकार के मंत्री बिजेंद्र यादव ने भी हाल ही में नीति आयोग को लिखा था पत्र
  • लंबे समय से हो रही है बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) ने एक बार फिर से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की बात दोहराई है। उन्हें राज्य में प्रति व्यक्ति आय का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि प्रति व्यक्ति आय बढ़ी है लेकिन फिर भी यह विकास दर पर्याप्त नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि नीति आयोग (NITI Aayog) बिहार को पिछड़ा राज्य मानता है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, "2004-05 में प्रति व्यक्ति आय 7,914 रुपये थी, जो 2019-20 में बढ़कर 50,735 रुपये हो गई। हमारे प्रयासों के बावजूद, बिहार की जनसंख्या और क्षेत्रफल को ध्यान में रखते हुए विकास दर पर्याप्त नहीं है। NITI Aayog का कहना है कि बिहार एक पिछड़ा राज्य है। इस प्रकार हम विशेष श्रेणी के दर्जे की मांग करते हैं।"

गौरतलब है कि वर्ष 2000 में झारखंड को बिहार से अलग करने के बाद से ही राज्य को विशेष दर्जा देने की मांग हो रही है। इस विभाजन से बिहार के खनिज भंडार वाले इलाके झारखंड में चले गए थे। बिहार के योजना और क्रियान्वयन मंत्री बिजेंद्र यादव ने भी इस संबंध में हाल ही में नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार को पत्र लिखा और जोर देकर कहा है कि बिहार ‘‘विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त करने की सभी अर्हताओं को पूरा करता है।’’

मंत्री ने नीति आयोग को इस मुद्दे को हाल में आई रिपोर्ट में बिहार के बहुआयामी गरीबी सूचकांक में देश के सबसे निचले पायदान पर होने के साथ जोड़कर देखने की मांग की। अपने पत्र में मंत्री ने स्वीकार किया कि बिहार प्रति व्यक्ति आय, जीवनयापन सुगमता, मानव विकास जैसे सूचकांक में राष्ट्रीय औसत से नीचे है।

यादव ने इस ‘दयनीय स्थिति’ के लिए बिहार के चारों ओर से भूमि सीमा से घिरा होने को जिम्मेदार ठहराया जहां पर आबादी का घनत्व अधिक है और प्राकृतिक संसाधनों की कमी है, राज्य के आधे से अधिक जिले बाढ़ या सूखे से ग्रस्त रहते हैं। 

मंत्री ने शिकायत की कि केंद्र की सार्वजनिक उपक्रम इकाइयों की बिहार में स्थापना करने की ‘पहल में कमी’ रही है जो राज्य में ‘‘औद्योगिक विकास और तकनीकी शिक्षा’ को बढ़ावा दे सकती थी। उन्होंने कहा कि बिहार ‘‘हरित क्रांति के लाभ से वंचित रहा।’’

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें बिहार सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement