राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को दावा किया कि बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने गठबंधन करने से पहले उनके माता-पिता (लालू प्रसाद यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी) से पिछले विश्वासघातों के लिए माफी मांगी थी। तेजस्वी ने बिहार के कैमूर जिले के मोहनिया में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के तहत आयोजित एक एक रैली को संबोधित करते हुए यह दावा किया। नीतीश के अचानक भाजपा के नेतृत्व वाले NDA में वापस चले जाने पर पिछले महीने तेजस्वी ने उपमुख्यमंत्री की कुर्सी खो दी थी।
क्यों लालू-राबड़ी के पास आए थे नीतीश?
युवा राजद नेता ने स्थानीय बोली भोजपुरी में कहा, ‘‘हाथ जोड़कर माफी मांगने के बाद नीतीश जी ने मेरे माता-पिता से कहा था कि हमर पार्टी तोड़ता, हमर विधायक लोगन के लुभावत है (भाजपा उनकी पार्टी को तोड़ने और उनके विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रही है)। राजद नेता ने कहा, ‘‘शुरुआत में हम उन पर दोबारा भरोसा करने के इच्छुक नहीं थे लेकिन देशभर के नेताओं से बातचीत हुई, सभी की राय थी कि भाजपा के खिलाफ लड़ाई के व्यापक हित में हमें सहमत होना चाहिए, इसलिए हमने एक कुर्बानी दी।’’
'मोदी भी गारंटी नहीं दे सकते कि नीतीश एक बार फिर पलटी नहीं मारेंगे'
वहीं, नीतीश कुमार ने दावा किया है कि वह ‘‘हमेशा के लिए’’ अपने पुराने सहयोगियों के पास लौट आए हैं, जबकि भाजपा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह बिहार में अपनी सरकार बनाने की अपनी महत्वाकांक्षा नहीं छोड़ेगी। ऐसे में तेजस्वी यादव ने चुटकी लेते हुए कहा, ‘‘अब जब नीतीश जी भाजपा के साथ वापस आ गए हैं, इस बात की क्या गारंटी है कि वह दोबारा पलटी नहीं मारेंगे।’’ राजद नेता ने कहा, ‘‘मैंने बिहार विधानसभा में कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी गारंटी पर गर्व करते हैं। हालांकि कोई भी उन पर भरोसा नहीं करता है, लेकिन वह भी यह गारंटी नहीं दे सकते कि नीतीश कुमार एक बार फिर पलटी नहीं मारेंगे।’’
'हमसे मुंह क्यों चुरा रहे हैं मुख्यमंत्री?'
युवा राजद नेता ने कहा, ‘‘हमने मुख्यमंत्री से पूछा कि कम से कम यह बताएं कि वह हमसे मुंह क्यों चुरा रहे हैं। लेकिन वह कोई कारण नहीं बता सके। क्या वह ईडी और सीबीआई से डरते हैं।’’ तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर उनके पलटी मारकर फिर भाजपा नीत राजग में चले जाने पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘कहते थे कि अब दोबारा गलती नहीं करेंगे, मिट्टी में मिल जाएंगे पर भाजपा के साथ नहीं जाएंगे। हम भोले-भाले लोग हैं, देश में संप्रदायिक शक्तियों को रोकने के लिए एक ‘‘थके हुए मुख्यमंत्री’’ को फिर से स्वीकार कर लिया।’’ (भाषा)
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