पटना: बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज हुई कैबिनेट की बैठक में एक बड़े फैसले पर मुहर लगी। राज्य के करीब 94 लाख परिवारों को राज्य सरकार 2-2 लाख रुपये की मदद देगी। हालांकि इसका ऐलान तो मुख्यमंत्री पहले ही कर चुके थे लेकिन आज कैबिनेट की बैठक में इस फैसले पर मुहर लगी।
जाति आधारित जनगणना के बाद किया था ऐलान
दरअसल, कुछ महीने पहले कराये गये जातिगत गणना के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐलान किया था प्रदेश के गरीब परिवारों को राज्य सरकार की ओर से 2-2 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। जाति आधारित जनगणना मैें ऐसे परिवारों की संख्या 94 लाख पाई गई थी जिनकी महीने की आमदनी 6 हजार रुपये से कम है।
कैबिनेट में 18 एजेंडों पर लगी मुहर
जानकारी के मुताबिक आज कैबिनेट की बैठक में कुल 18 एजेंडों पर निर्णय लिया गया। उद्यगो विभाग के अंतर्गत राज्य के विभिन्न वर्गों के गरीब परिवारों को आर्थिक विकास के लिए बिहार लघु उद्यमी योजना की स्वीकृति दी गई।
वहीं पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के अंतर्गत मुख्यमंत्री अत्यंत पिछड़ा वर्ग सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना के तहत विभिन्न परीक्षाओं में उतीर्ण होनेवाले अभ्यर्थियों को एक निर्धारित दर के मुताबिक प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए सालाना 9 करोड़79 लाख 50 हजार रुपये वार्षिक व्यय की स्वीकृति दी गई।
75 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि
संघ लोग सेवा आयोग द्वारा आयोजित प्रतियोगिता परीक्षा जैसे इंडियन इंजीनियरिंग सर्विस, इंडियन इकोनॉमिक सर्विस, भारतीय सांख्यिकी सेवा और संयुक्त भू वैज्ञानिक परीक्ष में सफल अभ्यर्थियों को 75 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि के तौर पर दिया जाएगा।
सीडीएस, सीबीआई, सीएपीएफ, एनडीए की परीक्षा में उत्तीर्ण अत्यंत पिछड़े वर्ग के उम्मीदवारों को 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। बिहार न्यायिक सेवा की प्रारंभिक परीक्षा उत्तर्ण करने भी 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।