Highlights
- जेडीयू के तेज तर्रार प्रवक्ता ने अपने पद से इस्तीफा दिया
- 31 जनवरी 2016 से पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता थे निखिल मंडल
- पिछले कुछ दिनों से मंडल पार्टी के गतिविधियों से असंतुष्ट चल रहे थे
Nikhil Mandal resigns: बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (JDU) में इन दिनों सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। जेडीयू के तेज तर्रार प्रवक्ता निखिल मंडल ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इधर, प्रवक्ता के इस्तीफा के बाद विपक्षी पार्टी भाजपा ने तंज कसा है। जेडीयू के प्रवक्ता ने इस्तीफा देने का कारण भले ही व्यक्तिगत बताया है, लेकिन इसके मायने निकाले जाने लगे हैं।
पार्टी में 6 साल तक प्रवक्ता की जिम्मेदारी संभाल रहे मंडल ने इस्तीफा देने का कारण निजी बताया है। उन्होंने लिखा कि आप सभी का धन्यवाद जो 31 जनवरी 2016 से मुझे लगातार इस पद के लायक समझा। उन्होंने कहा कि कृपया मेरा इस्तीफा मंजूर किया जाए। निखिल मंडल ने बिहार की मधेपुरा सीट से 2020 में विधानसभा चुनाव लड़ा था, हालांकि वे हार गए थे।
2016 से ही पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता रहे हैं
आपको बता दें कि निखिल मंडल 31 जनवरी 2016 से पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता थे और वह मीडिया के समक्ष खुलकर अपनी बात रखते थे। बताया जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों से निखिल मंडल पार्टी के गतिविधियों से असंतुष्ट चल रहे थे। हालांकि, उन्होंने कभी भी अपनी नाराजगी जाहिर नहीं होने दी। लेकिन उनके अचानक इस्तीफे की घोषणा से राज्य में सियासी हलचल बढ़ गई है। कहा जा रहा है कि निखिल मंडल किसी भी हाल में लालू यादव के परिवार को डिफेंड नहीं कर सकते जो इस वक्त जेडीयू के ज्यादातर प्रवक्ताओं को करना पड़ा है। करप्शन को लेकर भी निखिल मंडल की सोच एडजेस्टेबल नहीं है यही वजह है कि उन्होंने शायद अपने पद से इस्तीफा दिया।
'जेडीयू के सबसे बेहतरीन प्रवक्ता भी असहज महसूस करने लगे हैं?'
इधर, बीजेपी ने मंडल के इस्तीफे के जरिए जेडीयू पर तंज कसा है। भाजपा के प्रवक्ता निखिल मंडल ने ट्वीट कर कहा कि राजनीतिक सफलता के लिए किसी भी लाइन में लगकर, किसी का भी झोला-झंडा उठाने की बजाय संघर्ष करना पुरुषार्थ है। प्रो सुहेली मेहता, डॉ अजय आलोक और निखिल मंडल। उन्होंने सवाल करते हुए पूछा कि क्या नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव और महागठबंधन को डिफेंड करने में जेडीयू के सबसे बेहतरीन प्रवक्ता भी असहज महसूस करने लगे हैं?