बिहार के 3.5 लाख कॉन्ट्रैक्ट टीचरों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। इन टीचरों को अब स्थाई टीचरों जितना वेतन नहीं मिलेगा। शुक्रवार को हुई सुनवाई में शीर्ष अदालत ने पटना हाई कोर्ट के उस फैसले को पलट दिया, जिसमें बिहार के सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे कॉन्ट्रैक्ट टीचर्स को नियमित स्थायी टीचरों के समान वेतन देने का आदेश दिया था।
बता दें कि इस मामले में पटना हाईकोर्ट ने शिक्षकों के हक में फैसला सुनाया था और बिहार सरकार को समान वेतन देने का निर्देश दिया था, लेकिन बिहार सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर 11 याचिकाओं पर सुनवाई की गई थी, जिसके बाद कोर्ट ने 3 अक्टूबर 2018 को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
बिहार में करीब 3.5 लाख नियोजित शिक्षक काम कर रहे हैं। शिक्षकों के वेतन का 70 फीसदी पैसा केंद्र सरकार और 30 फीसदी पैसा राज्य सरकार देती है। वर्तमान में नियोजित शिक्षकों (ट्रेंड) को 20-25 हजार रुपए वेतन मिलते हैं। अगर समान कार्य के बदले समान वेतन की मांग सुप्रीम कोर्ट में मान ली जाती तो शिक्षकों का वेतन 35-44 हजार रुपए हो जाता।