बिहार इस समय चमकी बुकार से पीडि़त है। राज्य में इस भीषण बीमारी से सवा सौ से अधिक बच्चों को जान गंवानी पड़ी है। लेकिन इस गमगीन माहौल में भी नेता अपनी राजनीति चमकाने से बाज नहीं आ रहे हैं। मुजफ्फरपुर में 130 बच्चों की चमकी से मौत के बाद जब नेताओं को दौरा करने की फुरसत मिली तो लोगों के सब्र का बांध टूट गया। वैशाली के हरिवंशपुर गांव में एलजेपी सांसद पशुपति पारस और विधायक राजकुमार साह का जमकर विरोध हुआ। इतना ही नहीं हरिवंशपुर गांव के लोगों ने केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के लापता होने के पोस्टर लगाए हैं और पता बताने वालों को 15 हजार रुपये देने की घोषणा कर दी है।
बिहार में इस साल चमकी बुखार का भीषण प्रकाप है। यह बीमारी राज्य के 16 जिलों में फैल चुकी है। वहीं सिर्फ मुजफ्फरपुर जिले में ही 130 बच्चों की मौत हो चुकी है। इस बीमारी ने मई के अंतिम सप्ताह से भयावह रूप लेना शुरू किया था। लेकिन नेताओं के आने का सिलसिला अब शुरू हुआ है। जिसे लेकर लोगों में काफी विरोध है।
तरह तरह से विरोध
यहां लोगों ने नेताओं का विरोध करने का अजब फॉमूर्ला निकाला है। यहां कहीं किसी बकरी के पेट पर पोस्टर चस्पा है तो किसी भैंस की पीठ पर स्लोगन लिखे हैं। कोई हाथों में बैनर थाम अपने सांसद-विधायक की तलाश कर रहे हैं तो कहीं लोग नारेबाजी कर मौजूदा हालात पर रोष जता रहे हैं। विरोध की ये अनोखी तस्वीरें बिहार के वैशाली के उसी हरिवंशपुर गांव के लोगों ने पेश की हैं जिस गांव के करीब दर्जन भर मासूम चमकी बुखार के शिकार हो गए। बैनर-पोस्टर लेकर नारेबाजी कर रहे इन लोगों का आरोप है कि एक तरफ चमकी बुखार के कारण मासूमों को जान गंवाना पड़ा। तो दूसरी तरफ इन्हें इलाके के माननीय की अनदेखी का भी सामना करना पड़ा। लिहाजा अब लोग उन्हीं माननीय की तलाश करने वालों के लिए नगद इनाम का ऐलान कर रहे हैं।
सांसद की रोगी गाड़ी
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान लंबे समय से इस इलाके का प्रतिनिधित्व करते आए हैं। यही वजह है कि अब स्थानीय लोग उन्हें ढूंढ रहे हैं। हाजीपुर से इस बार रामविलास पासवान की जगह उनके भाई पशुपति कुमार पारस सांसद हैं। लिहाजा जब पशुपति कुमार पारस हरिवंशपुर पहुंचे। तो उन्हें लोगों के जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा। लोगों ने सांसद पशुपति कुमार पारस की गाड़ी को रास्ते में ही रोक दिया। फॉर्च्यूनर गाड़ी के अंदर पारस बैठे थे। लेकिन गांववाले उनकी गाड़ी को आगे नहीं बढ़ने दे रहे थे। पशुपति कुमार पारस लोगों के सामने लाचार नजर आए। हालत ये थी कि उन्हें लोगों को अपनी शपथ की तारीख बताकर सफाई देनी पड़ी। केवल एलजेपी सांसद पशुपति कुमार पारस ही नहीं बल्कि गांववालों ने स्थानीय विधायक को भी नहीं बख्शा। विधायक राजकुमार साह की भी गाड़ी को गांव वालों ने रोक दिया और खूब हंगामा किया।