बिहार में कुछ ही दिनों पहले सियासी उलटफेर हुआ है। राज्य के सीएम नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव की RJD का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया है। इसके साथ ही नीतीश ने नौवीं बार बिहार के सीएम के रूप में शपथ ली है। इसके बाद नई सरकार की पहली परीक्षा 12 फरवरी को विधानसभा में होगी जब उसे विश्वास मत साबित करना होगा। हालांकि, इससे पहले ही एक बड़ा पेंच फंस गया है। बिहार विधानसभा के वर्तमान स्पीकर और राजद नेता अवध बिहारी चौधरी ने साफ शब्दों में कह दिया है कि वह इस्तीफा नहीं देंगे।
अविश्वास प्रस्ताव की जानकारी मिली
विधानसभा के स्पीकर अवध बिहारी चौधरी ने कहा है कि वह अफने पद से इस्तीफा नहीं दे रहे हैं। उन्हें आज अविश्वास प्रस्ताव की जानकारी मिली है। उन्होंने कहा कि कार्य संचालन नियमावली के अनुसार मैं अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान होने तक पद पर रह सकता हूं। ये पूछे जाने पर कि बीजेपी का कहना है कि इस्तीफा दे देना चाहिए स्पीकर अवध बिहारी ने कहा कि क्यों दूँ इस्तीफा, उनका काम है कहना।
वर्तमान अध्यक्ष पर विश्वास नहीं- भाजपा
बीते दिनों भाजपा के नंदकिशोर यादव ने बिहार विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस विधानसभा सचिव को दिया था। नोटिस में कहा गया था कि नई सरकार के सत्ता में आने के बाद वर्तमान अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी पर इस सदन का विश्वास नहीं रह गया है। नोटिस पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, पूर्व डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद, जदयू के विनय कुमार चौधरी, रत्नेश सदा समेत कई और विधायकों के भी हस्ताक्षर हैं।
क्या है विधानसभा का समीकरण?
बिहार विधानसभा में सत्ता पक्ष को 128 जबकि विपक्षी महागठबंधन को 114 विधायकों का समर्थन हासिल है। एआईएमआईएम के विधायक अख्तरुल ईमान किसी गठबंधन के साथ नहीं हैं। स्पीकर अवध बिहारी चौधरी राजद के विधायक हैं। विधानसभा की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन नियमावली के नियम-110 के तहत अध्यक्ष को हटाने का संकल्प है।
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