शिक्षा विभाग के अपर सचिव केके पाठक की सख्ती के बावजूद बिहार का शिक्षा विभाग सुधरने का नाम नहीं ले रहा है और इसका उदाहरण मोतिहारी में सामने आया है। यहां 11वीं और 9वीं के वार्षिक परीक्षा के प्रश्न पत्र के बंडल खुले आसमान के नीचे फेंके हुए हैं। विभिन्न विद्यालयों के शिक्षक अपने विद्यालय कोड के अनुसार प्रश्नपत्र ढूंढने में परेशान हो रहे हैं।
आज से शुरू हो रही 11वीं और 9वीं की परीक्षा
दरसअल, 13 मार्च से बिहार बोर्ड की 11वीं की परीक्षा है। वहीं, 16 मार्च से नौवीं की परीक्षा बिहार बोर्ड ने आयोजित की है। जिले के चार 434 विद्यालयों के हजारों छात्र इस परीक्षा में शामिल होने वाले हैं लेकिन उनके क्वेश्चन पेपर ही टीचर्स को नहीं मिल रहे हैं।
उन्हीं विद्यार्थियों की परीक्षा के प्रश्नपत्र और उत्तर पुस्तिका शहर के एक सरकारी विद्यालय महारानी जानकी कुंवर बालिका बिद्यालय में खुले आसमान के नीचे फेंक दिए हैं। जिले भर के सैकड़ों शिक्षक पिछले तीन दिनों से अपने-अपने स्कूल के कोड का क्वेश्चन पेपर और आंसरशीट खोजने में हलकान हैं। मामले में इस विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की घोर लापरवाही साफ दिख रही है। वहीं शिक्षा अधिकारी से इस बारे में जब पुछा गया तो वो इसपर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
छत पर घूम-घूम कर क्वेश्चन पेपर ढूंढने में लगे टीचर
बता दें कि छपरा जिला स्कूल में भी इस तरह की लापरवाही देखने को मिली जहां बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित नौवीं और ग्यारहवीं के वार्षिक परीक्षा के प्रश्न पत्र के बंडल खुले आसमान के नीचे फेंके हुए थे। जिले के विभिन्न विद्यालयों के शिक्षक अपने विद्यालय कोड के अनुसार प्रश्न पत्र पूरे छत में घूम-घूमकर ढूंढने में लगे थे।
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