पटना। बिहार विधानसभा का मॉनसून सत्र सोमवार से शुरू होगा और इसके हंगामेदार रहने के आसार हैं क्योंकि विपक्षी दलों ने ईंधन, रसोई गैस, खाद एवं सरसों तेल की बढ़ती कीमतों जैसे मुद्दों पर राज्य सरकार को घेरने की रणनीति तैयारी की है। मॉनसून सत्र 30 जुलाई तक चलेगा। इसी तरह, बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक, 2021 को लेकर भी राज्य सरकार और विपक्ष के बीच जुबानी जंग होगी, जिसे विधानसभा के पिछले बजट सत्र के दौरान पारित किया गया था।
विपक्षी दलों के विधायकों ने विधेयक के खिलाफ बहिर्गमन किया था। बता दें कि, बिहार विधानसभा में 23 मार्च को उस समय अभूतपूर्व हंगामेदार स्थिति बन गयी थी जब विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा को आसन पर पहुंचने से रोकने का प्रयास करने वाले विपक्षी सदस्यों को सदन से मार्शलों की मदद से बाहर निकालने के लिए पुलिस को विधानसभा के भीतर बुलाया गया था।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने पहले ही विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर कहा है कि 23 मार्च की घटना के मद्देनजर विपक्षी दलों के विधायक सदन में प्रवेश करने से डर रहे हैं। इस बीच, सिन्हा ने कहा है कि कोविड-रोधी टीके की खुराक नहीं लेने वाले सदस्यों को मॉनसून सत्र में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
पटना में RJD नेता तेजस्वी यादव ने रविवार को कहा कि कल (26 जुलाई) मानसून सत्र शुरू होने वाला है और हम पहले दिन चाहते हैं कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बताएं कि उन्होंने इस काले दिन के मामले पर कार्रवाई क्यों नहीं की? विधानसभा में विधायकों को नीतीश जी के इशारे पर पीटा गया। इस पर हमने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा कि दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। कार्रवाई हुई तो केवल 2 सिपाहियों को निलंबित किया गया। नीतीश जी का चरित्र रहा है कि छोटी मछलियों को पकड़ों और बड़ी मछलियों को बचाओ।