Wednesday, January 08, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. बिहार
  3. सीएम नीतीश कुमार की मिमिक्री करने वाले आरजेडी के पूर्व एमएलसी को सुप्रीम कोर्ट ने दी नसीहत, जानें क्या कहा

सीएम नीतीश कुमार की मिमिक्री करने वाले आरजेडी के पूर्व एमएलसी को सुप्रीम कोर्ट ने दी नसीहत, जानें क्या कहा

आचार समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि आरजेडी नेता सोहैब ने जांच के दौरान अपने कृत्य के लिए खेद व्यक्त किया था, जबकि सुनील कुमार सिंह अपनी बात पर अड़े रहे।

Edited By: Mangal Yadav @MangalyYadav
Published : Jan 07, 2025 17:21 IST, Updated : Jan 07, 2025 17:33 IST
नीतीश कुमार और सुनील सिंह की फाइल फोटो
Image Source : ANI नीतीश कुमार और सुनील सिंह की फाइल फोटो

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने बिहार विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) एवं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता सुनील कुमार सिंह की याचिका पर अंतिम सुनवाई तय करते हुए कहा कि विधायकों को असहमति जताते हुए भी सम्मानजनक व्यवहार करना चाहिए। सुनील सिंह ने अपनी याचिका में, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ टिप्पणी के लिए उन्हें विधान परिषद से निष्कासित किए जाने के फैसले को चुनौती दी है। 

9 जनवरी को होगी अगली सुनवाई

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिस्वर सिंह की पीठ ने पिछले साल 13 फरवरी को सदन में तीखी नोकझोंक के दौरान सिंह द्वारा की गई टिप्पणियों पर प्रथम दृष्टया असहमति जताने के बाद मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए नौ जनवरी की तारीख तय की है। राजद नेता की तरफ से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि सदन के भीतर अभिव्यक्ति की आजादी की व्यापक छूट है, जिस पर पीठ ने टिप्पणी की कि ‘‘विधायकों को असहमति जताते हुए भी सम्मानजनक व्यवहार करना चाहिए।

सिंघवी ने पेश की ये दलील

सिंघवी ने कहा कि इसी तरह के शब्दों का इस्तेमाल एक अन्य विधान परिषद सदस्य ने भी किया था जिन्हें निलंबित कर दिया गया, लेकिन सिंह के मामले में केवल एक शब्द बोलने पर उन्हें निष्कासित कर दिया गया। सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए पीठ ने सिंघवी से कहा, ‘‘ क्या सदन के अंदर अभिव्यक्ति की आजादी का इस तरह इस्तेमाल किया जाता है? आप (सिंघवी) भी सांसद हैं। क्या आप सदन के अंदर अपने विरोधियों के खिलाफ ऐसी भाषा के इस्तेमाल का समर्थन करते हैं?’’ सिंघवी ने कहा कि वह ऐसी भाषा का समर्थन नहीं करते हैं, लेकिन ऐसी भाषा के इस्तेमाल के लिए निष्कासन से विपक्ष की सीट खाली हो जाएगी। 

सुनील सिंह पर सीएम नीतीश का अपमान करने का आरोप

पीठ ने सिंघवी से मामले की अंतिम सुनवाई के लिए तैयार रहने को कहा और इसे नौ जनवरी के लिए सूचीबद्ध कर दिया। पिछले साल 26 जुलाई को सिंह को सदन में अशोभनीय आचरण के लिए बिहार विधान परिषद से निष्कासित कर दिया गया था। आचार समिति द्वारा कार्यवाहक सभापति अवधेश नारायण सिंह को रिपोर्ट सौंपे जाने के एक दिन बाद सिंह के निष्कासन का प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित हुआ था। 

राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद और उनके परिवार के करीबी माने जाने वाले सुनील सिंह पर 13 फरवरी को सदन में तीखी बहस के दौरान नीतीश कुमार को अपशब्द बोलने का आरोप है। उन पर मुख्यमंत्री की मिमिक्री कर उनका अपमान करने’’ और समिति के समक्ष पेश होने पर उसके सदस्यों की योग्यता पर सवाल खड़े करने का भी आरोप लगाया गया है। सुनील सिंह के निष्कासन के अलावा राजद के विधान परिषद सदस्य मोहम्मद कारी सोहैब को भी दो दिन के लिए निलंबित कर दिया गया था। सोहैब पर उसी दिन अशोभनीय आचरण करने का आरोप है। 

इनपुट- भाषा

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें बिहार सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement