पटना: हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के प्रमुख जीतन राम मांझी गुरुवार को अपने 4 सदस्यीय विधायक दल के नेता चुने गए। मांझी के पटना स्थित आवास पहुंचे ‘हम’ के सभी नवनिर्वाचित विधायकों ने पूर्व मुख्यमंत्री को पार्टी विधायक दल का नेता चुना। बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी के बेहतर प्रदर्शन को लेकर ‘HAM’ के नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा मांझी को सम्मानित किया गया। मांझी निवर्तमान विधानसभा में ‘हम’ के अकेले विधायक हैं।
‘नीतीश जी का साथ दें कांग्रेस के विधायक’
बाद में पत्रकारों से बात करते हुए मांझी ने कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायकों को राज्य की प्रगति के लिए NDA में शामिल होने की सलाह दी। मांझी ने कहा, ‘व्यक्तिगत तौर पर जहां तक मेरा मानना है तो हम कहेंगे कि कांग्रेस के विधायक विचार करें और नीतीश जी का साथ दें।’ वर्ष 1980 में मांझी ने कांग्रेस से अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था। बाद में वह RJD और फिर JDU में चले गए। 2014 के लोकसभा चुनाव में JDU की बुरी तरह हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए नीतीश ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद मांझी को इस पद पर आसीन किया था।
7 सीटों पर चुनाव लड़ 4 जीती HAM
बाद में नीतीश कुमार के इस पद पर वापसी का मार्ग प्रशस्त करने के लिए JDU से निष्कासित किए जाने पर मांझी ने हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) नामक एक नई पार्टी बना ली थी और बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के पहले विपक्षी महागठबंधन में शामिल थे। मांझी महागठबंधन में समन्वय समिति बनाए जाने की अपनी मांग नहीं पूरी होने पर चुनाव से पहले इस गठबंधन से नाता तोड़कर NDA में शामिल हो गए थे। NDA में सीट बंटवारे के तहत JDU ने अपने हिस्से की 122 सीटों से ‘HAM’ को 7 सीट दी थीं जिनमें से उनकी पार्टी 4 सीटों पर विजयी रही। मांझी ने कहा कि एक बार प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद वह अब नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली नई सरकार में मंत्री नहीं बनेंगे।