बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था की बदली तस्वीर को लेकर चाहे कितने दावे किए जाए, लेकिन समय-समय पर इसकी जर्जर स्थिति की असलियत सामने आ ही जाती है। ऐसी ही एक तस्वीर राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा से सामने आई है, जो बिहार स्वास्थ्य विभाग के 'मिशन 60' की पोल खोलती दिखी। दरअसल, यहां एक गर्भवती महिला को एंबुलेंस नहीं मिलने पर सब्जी के ठेले से सदर अस्पताल पहुंचाया गया।
'अस्पताल में बार-बार फोन किया'
बिहारशरीफ के कमरुद्दीन गंज मोहल्ले की रहने वाली मरीज के पति राजीव प्रसाद ने शनिवार को अपनी पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर एंबुलेंस के लिए फोन किया। प्रसाद ने कहा, "मैंने एंबुलेंस के लिए टोल फ्री नंबर पर अस्पताल में बार-बार फोन किया, लेकिन कर्मचारियों ने उसे भेजने से इनकार कर दिया।" राजीव ने आगे कहा, "आखिरकार मैं उसे सदर अस्पताल ले जाने के लिए सब्जी का ठेला लेकर आया। अस्पताल पहुंचने के बाद कर्मचारियों ने स्ट्रेचर नहीं दिया, तो मैं सब्जी के ठेले को आपातकालीन वार्ड के अंदर ले गया।"
बिहार में ऐसी स्थिति आम है
गौरतलब है कि बिहार में ऐसी स्थिति आम है, जहां सरकारी अस्पताल की ओर से एंबुलेंस देने से मना करने पर लोग शवों को कंधे, साइकिल पर ढोते हैं। बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने राज्य के चिकित्सा अस्पतालों के बोझ को कम करने के लिए प्रत्येक जिला अस्पताल को उचित बिस्तर, स्ट्रेचर, एम्बुलेंस, ऑक्सीजन सिलेंडर, दवाइयां, परीक्षण और अन्य उपकरण मुफ्त उपलब्ध कराने के लिए 'मिशन 60' शुरू किया है।