Highlights
- गांधी सेतु का पूर्वी लेन कल किया जाएगा चालू
- सीमेंट की जगह स्टील से तैयार किया गया है पुल
- पुल में 25 लाख नट बोल्ट का किया गया है इस्तेमाल
Mahatma Gandhi Setu: कभी देश का सबसे लंबा पुल रहा महात्मा गांधी सेतु अब सीमेंट की जगह स्टील से बनकर तैयार हो गया है। अब ये पुल इतना मजबूत हो गया है कि अब ये 100 साल तक टिकेगा। 5.75 किलोमीटर लंबा पुल अब भी देश का दूसरा सबसे लंबा स्टील पुल और सभी पुलों में तीसरा सबसे लंबा पुल है।
पटना से उत्तर बिहार को जोड़ने वाले गांधी सेतु का पूर्वी लेन कल यानी मंगलवार से चालू हो जाएगा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी इसका उद्घाटन करेंगे। इसके बाद दोनों लेन से वाहनों का आवागमन शुरू हो जाएगा। पहले एक लेन से ही गाड़ियां आती-जाती थीं। पहले की तुलना में पुल अब काफी मजबूत और हल्का है। भारी वाहनों के परिचालन को देखते हुए इसे बनाया गया है।
पुल का निर्माण नई तकनीक से किया गया
5.75 किलोमीटर लंबे पुल का निर्माण नई तकनीक से किया गया है। एनएच-19 पर स्टील से बनाया गया नया फोरलेन पुल पहले की तुलना में तीस हजार टन हल्का है। इस पुल में 25 लाख नट बोल्ट का इस्तेमाल किया गया है। इसके अलावा 28 हजार मीट्रिक टन सीमेंट और एक लाख 36 हजार मीट्रिक टन बालू का उपयोग किया गया है।
साल 1982 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इस पुल का उद्घाटन किया था, लेकिन दो दशक के बाद से ही इसमें दरार की शिकायतें मिलने लगीं और उसके बाद इसकी मरम्मत का फैसला किया गया। पुल का सुपर स्ट्रक्चर बदलने का निर्णय लिया गया। इसके 46 पिलर को ज्यों का त्यों रहने दिया गया, लेकिन उसके ऊपर के हिस्से को बदल दिया गया है और इस बार सीमेंट की जगह स्टील का इस्तेमाल किया गया।
पूरा गांधी सेतु एक तरह से नया हो गया
पुल के पश्चिमी हिस्से में फरवरी, 2017 में काम लगाया गया और तीन साल के बाद जुलाई, 2020 को उस हिस्से को चालू कर दिया गया। इस लेन पर ट्रैफिक शुरू कर पूर्वी हिस्से में भी इसी तरह का काम शुरू किया गया, जो अब पूरा हो चुका है। यानी पूरा गांधी सेतु एक तरह से नया हो गया है। कल पुल के इस पूर्वी लेन को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी जनता को समर्पित करेंगे। कुल 1742 करोड़ की लागत से इस पुल के नए ढांचे को खड़ा किया गया है।
इस पुल से हर दिन गुजरती हैं 40 हजार गाड़ियां
बिहार की राजधानी पटना से हाजीपुर जाना अब काफी आसान हो जाएगा। पिछले कई सालों से मरम्मत का काम चलने और एक लेन से ही गाड़ियों के चलने की वजह से अक्सर यहां जाम लग जाया करता था। शादियों के लिए जा रहे दूल्हे, एम्बुलेंस घंटों जाम में फंसे रहते थे। लगभग 40 हजार गाड़ियां इस पुल से हर दिन गुजरती हैं। अब 5750 मीटर लंबे इस पुल को सिर्फ 15 मिनट में आसानी से पार कर लिया जाएगा। गंगा नदी पर उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाले और लाइफलाइन माने जाने वाले करीब 40 साल पुराने गांधी सेतु का पुनर्वास सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने कराया है।
गडकरी पटना से 8 परियोजनाओं का करेंगे शुभारंभ
इस पुल के साथ-साथ बिहार को कल पूरे 13 हजार करोड़ रुपयों का तोहफा मिलने वाला है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी 7 जून को राज्य में 13,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे। नितिन गडकरी पटना से आठ परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगे और उनका उसी दिन भागलपुर में दो और परियोजनाओं का शुभारंभ करने का कार्यक्रम भी है।
देश के टॉप 10 पुल में से 4 बिहार में है
गांधी सेतु के पश्चिमी किनारे पर गांधी सेतु के समानांतर चार लेन का पुल बनाने का प्रस्ताव भी है। गांधी सेतु के समानांतर प्रस्तावित फोर-लेन पुल, राज्य में 2015 के विधानसभा चुनाव से पहले बिहार के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के विशेष पैकेज की घोषणा का हिस्सा है। पटना में जीरो माइल से हाजीपुर में रामाशीष चौक तक इसकी कुल लंबाई 5.63 किमी है और दोनों तरफ पहुंच सड़कों की कुल लंबाई 14.5 किमी है। इस पुल को 2024 तक तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। देश के टॉप 10 पुल में से 4 बिहार में ही है।