नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनावों में कमजोर प्रदर्शन की वजह से कांग्रेस पर तमाम उंगलियां उठने लगी हैं। कांग्रेस पार्टी के कई नेता भी कमजोर प्रदर्शन के पीछे के कारणों की पड़ताल की बात कर रहे हैं। कांग्रेस महासचिव तारिक अनवर ने स्वीकार किया है कि कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन की वजह से राष्ट्रीय जनता दल की अगुवाई वाला महागठबंधन बिहार में सरकार बनाने में विफल रहा। बता दें कि कांग्रेस 70 सीटों में से केवल 19 सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी। महागठबंधन में इस पार्टी का स्ट्राइक रेट सबसे कम था, जो इसके लिए कमजोर कड़ी साबित हुआ।
‘AIMIM की बिहार में इंट्री एक अच्छा संकेत नहीं’
अनवर ने कहा, ‘हमें इस तथ्य को स्वीकार करना चाहिए कि पार्टी के कमजोर प्रदर्शन की वजह से महागठबंधन बिहार में सरकार नहीं बना सका। कांग्रेस को आत्म अवलोकन करना चाहिए, कि आखिर कहां गलती हुई। साथ ही एआईएमआईएम की बिहार में इंट्री एक अच्छा संकेत नहीं है।’ इसी तरह की भावना RJD नेता शिवानंद तिवारी ने भी व्यक्त की, जिनका मानना है कि कांग्रेस को ज्यादा सीट दे दी गई। सीपीआई-एमएल (लिबरेशन) नेता दीपांकर भट्टाचार्य ने भी कहा कि कांग्रेस को आत्म अवलोकन करना चाहिए कि आखिर उसने क्यों इतनी सीटों पर खराब प्रदर्शन किया।
‘मुस्लिम और ओबीसी को हलके में लिया गया’
पार्टी की केंद्रीय नेतृत्व पर निशाना साधते हुए, पूर्व मंत्री शकिलुजमान अंसारी ने कहा, ‘उन्होंने प्रदेश के नेताओं की नहीं सुनी और हमें गठबंधन को लेकर अंधेरे में रखा। उन्होंने उन सीटों को RJD को दे दिया, जिसपर कांग्रेस जीत सकती थी। साथ ही हमारे मजबूत उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया गया। स्क्रीनिंग समिति के अध्यक्ष अविनाश पांडे ने प्रदेश के नेताओं की सलाह को पूरी तरह से नकार दिया।’ अंसारी ने कहा कि कांग्रेस ने वहां सीटें जीती हैं, जहां वह सीधे बीजेपी के टक्कर में थी। उन्होंने यह भी दावा किया कि टिकट वितरण के दौरान मुस्लिम और ओबीसी को हलके में लिया गया और उन्हें पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया।