सीतामढ़ी: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों समाधान यात्रा पर निकले हुए हैं। इस दौरान वे विभिन्न जिलों की यात्रा कर वहां लोगों से मिल रहे हैं और समस्याओं पर चर्चा भी कर रहे हैं। समाधान यात्रा के क्रम में जब वे सीतामढ़ी पहुंचे तो उनसे मदरसा शिक्षकों के बकाए वेतन का सवाल मीडियाकर्मियों द्वारा पूछा गया। इस सवाल के जवाब में नीतीश कुमार बगलें झांकने लगे और पास में खड़े अधिकारियों से पूछने लगे कि कौन से मदरसे की बात हो रही है, इसको देख लीजिए।
दरअसल, नीतीश कुमार सीतामढ़ी में जीविका दीदियों के साथ मीटिंग के बाद मीडियाकर्मियों से बात कर रहे थे। उन्होंने जीविका दीदियों के काम की खूब तारीफ की। उन्होंने कहा-'जीविका की दीदियों के साथ बात हुई, खूब अच्छा काम कर रही हैं, बच्चों को पढ़ाना, परिवार की स्थिति को बेहतर करना, बहुत ही अच्छा है। इन्हीं लोगों के कहने पर शराबबंदी लागू हुआ, आज भी यह लोग बोल रही हैं कि हम लोग लगे हुए हैं। शराबबंदी लागू रहना चाहिए। बाल विवाह, दहेज प्रथा को लेकर भी समाज सुधार को लेकर यह लोग लगी हुई हैं। परिवार और अपने इलाके में अच्छा काम कर रही है, लड़कियां पढेंगी तभी तो विकास होगा।'
इसके बाद जब नीतीश कुमार से पूछा गया कि 22 महीने से मदरसा शिक्षकों का वेतन बाकी है, कई शिक्षकों की मौत हो गई है, वे दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं; इस पर नीतीश कुमार अपने बगल में खड़े शख्स की ओर देखने लगे। उन्होंने कहा-कौन सा मदरसा है... इसको देख लीजिए। फिर मीडिया की ओर मुखातिब होकर उन्होंने कहा कि मैंने कह दिया है, इस मामले को देख लिया जाएगा।
विपक्षी एकता के लिए देशव्यापी यात्रा कर सकते हैं नीतीश
बता दें कि नीतीश कुमार ने बृहस्पतिवार को संकेत दिया कि अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी का मुकाबला करने के उद्देश्य से विपक्षी एकता मजबूत करने के लिए उनका प्रस्तावित देशव्यापी दौरा विधानसभा के बजट सत्र के बाद हो सकता है। नीतीश कुमार पहले भी कई बार कह चुके हैं कि वह 2024 लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। जनता दल (यूनाइटेड) के नेता ने पिछले साल अगस्त में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से अपना नाता तोड़ लिया था और बिहार में राष्ट्रीय जनता दल तथा कांग्रेस के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई।