नई दिल्ली: पशुपति पारस के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी) ने अब उन अटकलों को विराम दे दिया कि वह इंडिया अलायंस गठबंधन में शामिल हो सकती है। बिहार में एनडीए की सीट शेयरिंग में आरएलजेपी को एक भी सीट नहीं मिली थी। इसके बाद से ही इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि पशुपति पारस अब एनडीए गठबंधन को छोड़कर विपक्षी गठबंधन इंडिया के साथ हाथ मिला सकते हैं। लेकिन पशुपति पारस ने अब अटकलों के विराम दे दिया है। उन्होंने साफ तौर पर यह कहा है कि वह एनडीए के साथ रहेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी हमारे नेता-पारस
पशुपति पारस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि हमारी पार्टी रालोजपा एनडीए का अभिन्न अंग है! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमारे नेता हैं। उनका निर्णय हमारे लिए सर्वोपरि है एवं उनके नेतृत्व में एनडीए पूरे देश में 400+ सीट जीतकर तीसरी बार रिकॉर्ड तोड़ बहुमत से एनडीए की सरकार बनेगी।
आरएलजेपी के साथ नाइंसाफी का लगाया था आरोप
एनडीए में सीट नहीं मिलने के बाद पशुपति कुमार पारस ने केंद्र सरकार से इस्तीफा दे दिया था और आरोप लगाया कि भाजपा लोकसभा चुनाव के लिए बिहार में सीट बंटवारे की बातचीत में शामिल नहीं करके उनकी आरएलजेपी के साथ नाइंसाफी कर रही है। एनडीए में सीट-बंटवारा समझौते में चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोजपा (रामविलास) को पांच सीट देने का ऐलान किया गया था।
पारस ने सीट-बंटवारे को लेकर नाखुशी जताने से पहले प्रधानमंत्री को बड़ा नेता बताते हुए उनका आभार भी जताया था। पारस ने कहा था कि उन्होंने ईमानदारी और निष्ठा के साथ एनडीए की सेवा की लेकिन उनके साथ नाइंसाफी हुई। लोकसभा में लोक जनशक्ति पार्टी के छह सांसदों में से कुछ समय पहले तक पारस को पांच सांसदों का समर्थन प्राप्त था, लेकिन प्रेस वार्ता में उनके साथ इनमें से कोई नहीं था।