लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मतदान की तारीखें सामने आ रही हैं। सभी दल अपने-अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर रहे हैं। चुनाव में एक ओर भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए गठबंधन है तो वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों का I.N.D.I अलायंस। इस चुनाव में 40 लोकसभा सीटों वाले बिहार का भी अहम रोल है। इसलिए हमने यहां लोगों से उनकी पसंद की राय जानी। आइए जानते हैं इंडिया टीवी-CNX का ओपिनियन पोल में बिहार की जनता ने क्या राय दी है।
जानें प्रमुख सीटों का हाल
शिवहर सीट: लोकसभा की ये सीट कभी आनंद मोहन की वजह से चर्चा में रहती थी। आनंद मोहन बिहार की राजनीति में फिर से एक्टिव हुए हैं। बीजेपी ने अपनी सीटिंग सांसद रमा देवी का टिकट काटते हुए ये सीट जेडीयू को दे दी। जेडीयू ने उनकी पत्नी लवली आनंद को उम्मीदवार बनाया है। 2019 में रमा देवी ने ये सीट 3 लाख 40 हजार के मार्जिन से जीती थी। इस बार फिर ये सीट एनडीए के खाते में जाती दिख रही हैं।
वैशाली: ये उलट-पुलट वाली सीट है। 19 में यहां हाईप्रोफाइल मुकाबला हुआ था। तब LJP की वीणा देवी ने RJD के हेवीवेट रघुवंश प्रसाद सिंह को 2 लाख 34 हजार वोट के मार्जिन से हरा दिया था। एक बार फिर चिराग पासवान ने वीणा देवी पर दांव लगाया है, वह फिर से आगे चल रही हैं।
हाजीपुर: तमाम अटकलों के बाद आखिरकार चिराग पासवान इस सीट से उम्मीदवार हैं। यहां से राम विलास पासवान खुद लड़ते थे। 19 में उन्होंने अपने भाई पशुपति पारस को टिकट दिया था और बेटे चिराग पासवान को जमुई से उतारा था। इस बार चिराग पासवान हाजीपुर सीट से मैदान में हैं।चाचा पशुपति पारस ने भी नाराजगी छोड़ दी है। चिराग पासवान इस सीट से आगे चल रहे हैं।
सीवान: मोहम्मद शहाबुद्दीन की वजह से चर्चा में रहने वाली सीट है। मोहम्मद शहाबुद्दीन अब नहीं हैं। लालू की पार्टी का जोर भी नहीं है। 19 में RJD ने शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब को टिकट दिया था लेकिन वो चुनाव नहीं जीत पाई थीं। इस बार जेडीयू ने यहां विजयलक्ष्मी कुशवाहा पर दांव खेला है जो आरजेडी के दिग्गज नेता अवध बिहारी चौधरी से आगे निकलती दिख रही हैं।
सारण: इस बार बिहार की सबसे हॉट सीट है। लालू परिवार के नए मेंबर का राजनीति में इस सीट के जरिये प्रवेश हुआ है। आरजेडी ने लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य को उम्मीदवार बनाया है। फिलहाल बीजेपी प्रवक्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूड़ी यहां से सांसद हैं। 2019 के चुनाव में रूड़ी ने ये सीट 1 लाख 38 हजार वोटों से जीती थी। इस सीट पर रूडी ने राबड़ी देवी तक को पटखनी दी थी। ओपिनियन पोल के मुताबिक रोहिणी आचार्य अपना पहला ही चुनाव हार सकती हैं।
दरभंगा: मिथिलांचल की प्रतिनिधि सीट है जो बीजेपी का मजबूत गढ़ है। यहां बीजेपी के गोपाल ठाकुर सांसद हैं। 2014 में बीजेपी के टिकट पर कीर्ति आजाद यहां से जीते थे। अब वो टीएमसी के टिकट पर बंगाल से चुनाव लड़ रहे हैं। बीजेपी ने गोपाल ठाकुर को फिर से मैदान में उतारा है। वो फिर से लीड करते दिख रहे हैं।
बेगुसराय: भूमिहार जाति बेहद निर्णायक...2009 से यहां जीत रहा है NDA... 2019 में गिरिराज सिंह ने चार लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से कन्हैया कुमार को हराया था... कन्हैया कुमार वो चुनाव कम्युनिस्ट पार्टी के टिकट पर लड़े थे...कन्हैया अब कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं... और अलायंस में सीट लेफ्ट के पास ही है...ऐसे में कन्हैया का पत्ता वैसे भी कट चुका है...
उजियारपुर: केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय उजियारपुर से जीतते हैं. 19 में उन्होंने RLSP के उपेंद्र कुशवाहा को हराया था. अब उपेंद्र कुशवाहा भी NDA में हैं. उजियारपुर से आरजेडी के आलोक मेहता की उम्मीदवारी संभव है...लेकिन सर्वे कहता है कि कैंडिडेट कोई भी हो, पलड़ा BJP का भारी है.
समस्तीपुर: 2014 से एलजेपी के पास रही है ये सीट...2019 में चिराग पासवान के चचेरे भाई प्रिंस राज ने कांग्रेस उम्मीदवार को 1 लाख से ज्यादा वोटों से हराया...इससे पहले प्रिंस राज के पिता राम चंद्र पासवान इस सीट से 2 बार सांसद रहे...इस बार चिराग की पार्टी ने जेडीयू नेता और नीतीश के बेहद खास अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी को अपनी पार्टी से उम्मीदवार बनाया है...
किशनगंज: बिहार की सिंगल सीट जहां 2019 में NDA को हार मिली थी और कांग्रेस को यहां से जीत मिली थी. कांग्रेस के मोहम्मद जावेद ने जेडीयू को लगभग 35 हजार वोटों की क्लोज फाइट में हराया....बीते दो चुनाव से यहां कांग्रेस को मिल रही जीत...कांग्रेस ने फिर से मोहम्मद जावेद को मैदान में उतारा है....जेडीयू के मुजाहिद आलम से उनका मुकाबला है...लेकिन कांग्रेस ये सीट डिफेंड करती दिख रही है...बीजेपी सिर्फ 1 बार ये सीट 1999 में जीती थी जब शाहनवाज हुसैन को मैदान में उतारा था...
पूर्णिया: इस वक्त बिहार की सबसे चर्चित सीट...पप्पू यादव का गढ़...पप्पू ने अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया..लेकिन ये सीट आरजेडी के हिस्से में चली गई...आरजेडी ने बीमा भारती को उम्मीदवार बना दिया है...नाराज पप्पू यादव निर्दलीय चुनाव लड़ने जा रहे हैं...जेडीयू के संतोष कुशवाह दो बार से सांसद और एक बार फिर से उम्मीदवार हैं...त्रिकोणीय मुकाबले में ये सीट जेडीयू जीतती दिख रही है...
कटिहार: ये भी मुस्लिम बहुल सीट है. 2019 में जेडीयू के दुलाल चंद्र गोस्वामी ने यहां कांग्रेस के तारिक अनवर को लगभग 60 हजार वोटों से हराया...इस बार भी यही मुकाबला दोहराया जा रहा है...नतीजे में भी कोई बदलाव नहीं दिख रहा है....
जमुई: 2014 से चिराग पासवान सांसद हैं....पिछले चुनाव में लगभग तीन लाख वोटों के मार्जिन से चिराग पासवान ने उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी RLSP के उम्मीदवार को हराया था...अब उपेंद्र कुशवाहा एनडीए के साथ हैं...जिससे यहां एनडीए को बोनस फायदा है... चिराग पासवान की पार्टी से अरूण भारती को लीड मिलती दिख रही है...
मुंगेर: भूमिहार डॉमिनेंस वाली सीट है. जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष ललन सिंह यहां से सांसद हैं. ललन सिंह फिर चुनाव मैदान में हैं...उनका मुकाबला अनिता देवी से है जो बाहुबली अशोक महतो की पत्नी हैं...ललन सिंह अपनी सीट बचाने में कामयाब होते दिख रहे हैं...
नवादा: बेगूसराय जाने से पहले गिरिराज सिंह नवादा के ही सांसद थे. 2019 में ये सीट LJP को दी गई और यहां से चंदन सिंह डेढ़ लाख वोटों से जीते थे. इस बार बीजेपी ने ये सीट अपने पास रखा है...विवेक ठाकुर लीड करते दिख रहे हैं...
नालंदा: नीतीश कुमार का अपना जिला है. यहां की सीट वो जेडीयू के पास ही रखते हैं. 19 के चुनाव में जेडीयू के कौशलेंद्र सिंह ढाई लाख से अधिक वोटों से जीते थे. एक बार फिर वो जीतते दिख रहे हैं...नालंदा की सीट कुर्मी बहुल सीट है.
पटना साहिब: बिहार की इकलौती सीट जहां कायस्थ वोटर निर्णायक हैं. 19 में यहां रविशंकर प्रसाद और शत्रुघ्न सिन्हा में टक्कर हुई थी जिसमें रविशंकर प्रसाद जीते थे. इस बार फिर रविशंकर प्रसाद बड़ी जीत दर्ज कर सकते हैं...
पाटलिपुत्र: यादव बहुल सीट है. मीसा भारती यहां से किस्मत आजमा चुकी हैं, लेकिन कामयाबी नहीं मिली. एक बार फिर बीजेपी के रामकृपाल यादव और मीसा भारती की टक्कर है....जिसमें रामकृपाल यादव अपनी जीत पक्की करते दिख रहे हैं...
जहानाबाद: 19 के चुनाव में यहां से जेडीयू लड़ी थी, सिर्फ 1700 वोटों से जीत-हार का फैसला हुआ था. इस बार ये सीट आरजेडी के खाते में जा सकती है...जेडीयू के चंद्रश्वर चंद्रवंशी हार सकते हैं...
काराकाट: उपेंद्र कुशवाहा का गढ़....2019 में जेडीयू के महाबली सिंह ने उपेंद्र कुशवाहा को लगभग 85 हजार वोटों से हराया था....अब उपेंद्र कुशवाहा खुद एनडीए के साथ आ चुके हैं... इस सीट से वो उम्मीदवार हैं...उनका मुकाबला लेफ्ट से है....कुशवाहा सीट जीतते दिख रहे हैं...
बक्सर: ब्राह्मण बहुल सीट है। यहां से बीजेपी के अश्विनी चौबे सांसद हैं। बीजेपी ने इस बार मिथिलेश तिवारी पर दांव लगाया है। आरजेडी के सुधाकर सिंह हारते दिख रहे हैं। 1996 से अब तक सिर्फ एक बार 2009 में बीजेपी ये सीट हारी।
किसे कितनी सीटें?
बिहार की 40 लोकसभा सीटों पर भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को बड़ी बढ़त मिलती दिखाई दे रही है। इंडिया टीवी CNX के ओपिनियन पोल में सामने आया है कि आगामी लोकसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन को 40 में से 38 सीटों पर जीत मिल सकती है। वहीं, I.N.D.I.A को केवल 2 सीटों पर जीत मिलने की उम्मीद है। राज्य की 40 सीटों में से 17 बीजेपी, 14 जदयू, 5 लोजपा, 1 राजद, 1 कांग्रेस और 2 अन्य को मिलने की उम्मीद है। बता दें कि 2029 के लोकसभा चुनाव में भी एनडी गठबंधन ने 40 में से 39 सीटों पर जीत हासिल की थी।
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