पटना। केंद्र सरकार की अनुमति के बाद कई राज्यों ने दूसरे राज्यों में फंसे अपने लोगों को निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बिहार में इस मुद्दे पर सियासत गर्म है। लालू यादव की पार्टी लगातार नीतीश सरकार पर हमलावर है। इस बीच नीतीश सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने कहा है कि अगर हम सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करेंगे तो हमें अन्य राज्यों में फंसे बिहार के 25 लाख रजिस्टर्ड मजदूरों को लाने के लिए 1.70 लाख बसों की जरूरत पड़ेंगी। हमने इसके लिए नोडल टीम बना दी है लेकिन उन्हें वापस लाने के लिए स्थिति हमारे अनुकूल नहीं है।
जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व सांसद पप्पू यादव ने राजस्थान के कोटा में फंसे बिहारी छात्रों को वापस लाने के लिए 30 बसें भेजी है।पप्पू यादव ने ट्वीट किया,"बिहार सरकार के पास धन नहीं है। मैं तन-मन-धन से हर बिहारी को बिहार वापस लाने को प्रतिबद्घ हूं। कोटा से छात्रों को लाने हेतु वहां 30 बसें लगवा दी है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी से आग्रह है कि वह बस सेनेटाइज करवा कर, छात्रों की सुरक्षित यात्रा का इंतजाम सुनिश्चित कराएं।"
पप्पू ने आगे कहा, "मैं पूरे देश में फंसे एक-एक बिहारी को ले आऊंगा। धन नहीं है, पर मन है, दिल है। मेरी हर सांस, हर रिश्ता, हर संबंध बिहार के लिए समर्पित है।" उल्लेखनीय है कि बाहर फंसे लोगों को लेकर बिहार में सियासत तेज है। पप्पू यादव पिछले कई दिनों से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह करते आ रहे हैं कि वह कोटा में फंसे बिहारी छात्रों को वापस लाने की व्यवस्था करें।
With inputs from ANI/IANS