पटना: लोकजनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान और राष्ट्रीय जनता दल के तेजस्वी यादव की मुलाकात के बाद ये अकटलें तेज हो गईं हैं कि क्या तेजस्वी की पार्टी से चिराग पासवान हाथ मिलाएंगे? हालांकि पहले से ही इस बात के कयास लगाए जा रहे थे पार्टी में हुई फूट के बाद अकेले पड़ गए चिराग पासवान को तेजस्वी का साथ मिल सकता है। लेकिन इन दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद वस्तुस्थिति को स्पष्ट करते हुए चिराग पासवान ने कहा कि मेरे पिताजी के स्वर्गवास का करीब एक साल होनेवाला है। 12 तारीख को बरखी कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। हमारा तेजस्वी भाई के परिवार से एक लंबा रिश्ता रहा है, लालू जी से मेरे पिता और मेरा अच्छा संबंध रहा है इसलिए मैं इन्हें आमंत्रित करने आया हूं।
इससे पहले लोजपा नेता चिराग पासवान ने कहा कि अपने पिता और दलित नेता रामविलास पासवान की पहली बरसी पर 12 सितंबर को पटना में आयोजित होने वाले कार्यक्रम के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित शीर्ष राष्ट्रीय नेताओं को न्योता दिया है। इस कार्यक्रम को राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इसे ऐसे समय आयोजित किया जा रहा है जब चिराग पासवान की उनके चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस के साथ पिता की विरासत को लेकर लड़ाई चल रही है।
उन्होंने बताया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव को भी इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है। बता दें कि नीतीश कुमार और चिराग पासवान के बीच गहरे मतभेद हैं। उम्मीद है कि पारस भी आठ अक्टूबर को रामविलास पासवान की बरसी पर कार्यक्रम आयोजित कर सकते हैं। पासवान का पिछले साल आठ अक्टूबर को ही निधन हुआ था। पारस द्वारा भी शीर्ष राष्ट्रीय नेताओं को आमंत्रित करने की उम्मीद है।
चिराग पासवान मंगलवार को अपने परिवार के साथ बिहार के लिए रवाना हुए थे। वह पांरपरिक पंचांग के आधार पर 12 सितंबर को बरसी का कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। राजनीतिक पर्यवेक्षक उत्सुकता से जमुई के सांसद चिराग पासवान के कार्यक्रम में नेताओं की उपस्थिति पर नजर रखेंगे। यह कार्यक्रम ऐसे समय आयोजित होने वाला है, जब चिराग लोजपा के अपने धड़े के लिए समर्थन जुटाने के इरादे से बिहार में ‘आशीर्वाद यात्रा’ निकाल रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि लोजपा के छह सांसदों में से पांच ने पारस से हाथ मिला लिया है। इस बीच, भाजपा ने चिराग पासवान के पार्टी पर दावे को नजरअंदाज करते हुए पारस को मोदी सरकार में मंत्री पद दिया है। वहीं, लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव सहित कई विपक्षी नेताओं ने चिराग पासवान से संपर्क किया है। चिराग पासवान ने भाजपा द्वारा उनके साथ किए गए व्यवहार पर नाखुशी जताई है लेकिन अबतक वह भविष्य के राजनीतिक कदम पर चुप हैं। चिराग पासवान ने कहा कि अब उनकी प्राथमिकता पार्टी को खड़ा करने की है।
इनपुट-एजेंसी