बिहार में सालों से शराबबंदी है, लेकिन फिर भी लोग धड़ल्ले से पी रहे हैं। मुजफ्फरपुर जिले के पारू इलाके में एक सरकारी दफ्तर के परिसर से शराब की बोतलें बरामद की गईं। बिहार सरकार के मद्य निषेध एवं उत्पाद शुल्क विभाग के अधिकारियों ने शराब की 135 बोतलें बरामद की।
महिला मुखिया के पति गिरफ्तार
अधिकारियों ने इस मामले में चिंतामनपुर पंचायत की महिला मुखिया के पति मोती राम और छह अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया। मद्य, निषेध एवं उत्पाद शुल्क विभाग के निरीक्षक शिवेंद्र कुमार ने बताया, "गुप्त सूचना के आधार पर अधिकारियों ने मुजफ्फरपुर के पारू क्षेत्र के फंदा गांव में एक सरकारी भवन के परिसर में सोमवार रात्रि छापेमारी कर विदेशी शराब की 135 बोतलें बरामद कीं। उन्होंने बताया कि बोतलों को बोरियों में बंद करके परिसर के एक कोने में रखा गया था। सभी 135 बोतलें जब्त कर लिए गए हैं।
बिहार में 2016 से लागू है शराबबंदी
निरीक्षक ने बताया यह परिसर पंचायत विभाग से संबंधित गतिविधियों के लिए था और महिला मुखिया भवन की प्रभारी हैं। बाद में जांच के दौरान मुखिया के पति और गांव के छह अन्य लोगों को राज्य निषेध अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज करने के बाद गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि मामले की जांच जारी है। बता दें कि बिहार में अप्रैल 2016 में निषेध कानून लागू किया गया था, जिसमें शराब के निर्माण, बिक्री या सेवन पर प्रतिबंध लगाया गया था।
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