पटना: शराबबंदी वाले राज्य बिहार से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे सुनकर आप चौंक जाएंगे। यहां के वैशाली जिले में मजदूर को मजदूरी के तौर पर शराब की बोतलें दी गई। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें एक मजदूर तौलिये से छिपाकर रखी गईं शराब की बोतलें दिखाता नजर आ रहा है। यह पूछे जाने पर कि उन्हें बोतलें किसने दी हैं, उसने दावा किया कि वैशाली के महुआ थाने के कर्मियों ने उन्हें मजदूरी के रूप में शराब दी है।
शराब ले जाने की खुली छूट?
यह तस्वीर और आरोप वाकई बेहद संगीन हैं क्योंकि जिस पुलिस पर बिहार में शराबबंदी को लागू कराने की अहम जिम्मेदारी है, उन पर आरोप लग रहा है कि वह थाने में मजदूरी के बदले मजदूरों को शराब की बोतल दे रहे थे। या कहें कि शराब ले जाने की खुली छूट देते दिख रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि घटना 21 जनवरी की है जिसका वीडियो अब वायरल हो रहा है। मजदूर ने दावा किया कि उसे और अन्य मजदूरों को पुलिस ने जब्त शराब की बोतलों को नष्ट करने के लिए बुलाया था। बोतलों को नष्ट करने के बाद उन्होंने उसे दो बोतलें मजदूरी के तौर पर दी।
पुलिस महकमे में मचा हड़कंप
वायरल वीडियो के सामने आने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। वैशाली SP मनीष ने वायरल वीडियो की जांच का आदेश दिया है। स्थानीय महुआ एसडीपीओ पूनम केसरी ने बताया कि वायरल वीडियो जिस महुआ थाने का बताया जा रहा है, उसके थानेदार से जवाब-तलब किया गया है।
महुआ थाने के SHO प्रभात रंजन सक्सेना से संपर्क करने पर उन्होंने कहा, "हमने पिछले 15 दिनों से जब्त शराब की बोतलों को नष्ट नहीं किया है। ड्यूटी मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में शराब को नष्ट किया जा रहा है और पूरी कार्रवाई कैमरे में कैद है। यह शराब की खेप को नष्ट करने की एक नियमित प्रक्रिया है। वीडियो पुराना है, लेकिन यह प्रशासनिक चूक का स्पष्ट संकेत है।"
यह भी पढ़ें-
- शराब कम बिकने से यह राज्य परेशान, बिक्री बढ़ाने के लिए अब लाएगी नई पॉलिसी
- शराब पीकर आए हो क्या? बस इतना ही पूछना एक डॉक्टर को पड़ गया भारी... देखें VIDEO
सक्सेना ने कहा, "इस बात की भी संभावना है कि कुछ लोगों ने जानबूझकर जिला प्रशासन के खिलाफ साजिश रचने के लिए वीडियो बनाया है। हम सभी कोणों से इसकी जांच कर रहे हैं।"