बिहार की राजधानी पटना में बीजेपी कार्यकर्ताओं पर आज लाठीचार्ज हो गया। यहां पुलिस ने बीजेपी वर्कर्स को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा है। इस घटना में जहानाबाद के बीजेपी महामंत्री विजय कुमार सिंह की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि बीजेपी कार्यकर्ता विधानसभा की ओर मार्च कर रहे थे, इसी दौरान पुलिस ने इनपर लाठीचार्ज कर दिया। बता दें कि बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र की शुरुआत से ही बवाल मचा हुआ है। बीजेपी तेजस्वी यादव के ख़िलाफ़ चार्जशीट की दुहाई देकर उनके इस्तीफे की मांग पर अड़ी है।
जहानाबाद नगर के महामंत्री थे विजय
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बीजेपी नेताओं का कहना है कि पटना के डाकबंगला चौराहे पर पुलिस ने जबरदस्त लाठीचार्ज की जिसमें जहानाबाद नगर के बीजेपी महामंत्री विजय कुमार सिंह की मौत हो गई। बीजेपी नेताओं ने बताया कि पुलिस द्वारा किए गए बर्बर लाठीचार्ज में विजय घायल हो गए थे। लोग आनन-फानन में उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पानी की बौछार और आंसू गैस के गोले भी छोड़े
बताया जा रहा है कि राज्य में शिक्षकों की नियुक्ति के मुद्दे पर बिहार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाकर्मियों ने पानी की बौछार की और लाठीचार्ज किया। बीजेपी कार्यकर्ताओं को खदेड़ने के लिए सुरक्षाकर्मियों ने कई राउंड आंसू गैस के गोले भी छोड़े।
बिहार सरकार ने शिक्षकों की छुट्टियां की रद्द
वहीं इससे पहले बिहार सरकार ने सभी शिक्षकों की छुट्टियां एक सप्ताह के लिए रद्द कर दी हैं। शिक्षा विभाग ने इसके अलावा राज्य के जिलाधिकारियों से भी अनुरोध किया है कि वे शिक्षकों की उपस्थिति की जांच करने के लिए गुरुवार को अपने संबंधित जिलों के सभी सरकारी स्कूलों का निरीक्षण करें। इसपर बीजेपी ने आरोप लगाया है कि सरकार की नई शिक्षक भर्ती नीति के खिलाफ भाजपा के राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन में शिक्षकों को शामिल होने से रोकने के लिए विभाग की ओर से ये आदेश जारी किया गया है।
"प्रदर्शन में भागीदारी रोकने के लिए शिक्षकों की छुट्टियां रद्द की"
वहीं भाजपा की बिहार इकाई के प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा, ‘‘हम नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार की कई अन्य जनविरोधी नीतियों के खिलाफ भी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। विरोध प्रदर्शन में शिक्षकों की भागीदारी को रोकने के लिए ये परिपत्र जारी किए गए हैं। यह नीतीश कुमार सरकार की तानाशाही मानसिकता को दर्शाता है। यह राज्य में अघोषित आपातकाल है।’’
प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों की पहचान करने के आदेश
गौरतलब है कि 11 जुलाई को शिक्षक अभ्यर्थियों ने 1.7 लाख शिक्षकों की भर्ती में मूलनिवास नीति को हटाने के नीतीश कुमार सरकार के हालिया फैसले के खिलाफ पटना में प्रदर्शन किया था। कुछ शिक्षक भी इसमें शामिल हुए थे, शिक्षा विभाग ने अपने जिला शिक्षा अधिकारियों से उन शिक्षकों की पहचान करने को कहा है।
ये भी पढ़ें-
"दिल्ली में जाकर मुजरा करते है शिंदे और अजित", संजय राउत ने छोड़ा बड़ा जुबानी तीर