Highlights
- CBI की जमीन के बदले नौकरी के मामले में चार्जशीट
- लालू और परिवार के खिलाफ चार्जशीट की गई दाखिल
- जमीन के बदले नौकरी के मामले में 16 अन्य के भी नाम
Land For Job Case: रेलवे में ग्रुप D की पोस्ट के लिए लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए कई जोन्स जिसमें मुंबई, जबलपुर, कलकत्ता, जयपुर, हाजीपुर, दिल्ली, पटना में उन लोगों को नौकरी दी जिन्होंने अपनी जमीन या तो लालू यादव या राबड़ी देवी या फिर लालू की कंपनी (AK Infosystems Pvt Limited) के नाम की। इस मामले में पहले सीबीआई ने 23 सितंबर 2021 को प्रारंभिक जांच जिसे पीई कहते हैं दर्ज की और जांच शुरू की। सीबीआई ने इस मामले में जांच पूरी कर चार्जशीट दाखिल की है।
भर्ती के लिए नियमों का किया उलंघन
सीबीआई के इंस्पेक्टर जयराज कटियार ने जांच पूरी करके जो रिपोर्ट सौंपी उसके मुताबिक, साल 2004 से 2009 के बीच कई लोगों को अलग-अलग जोन में रेलवे में ग्रुप डी के पद पर लाया गया जिन्हें बाद में अज्ञात इंडियन रेलवे के अधिकारियों ने रेगुलर कर दिया। इन लोगों ने जमीन देने के बदले ग्रुप डी की नौकरी पाई थी। जांच में पाया गया कि अज्ञात रेलवे के अधिकारियों ने इस मामले में भर्ती के लिए जो नियम और गाइडलाइंस होती हैं, उनका उलंघन किया है।
जांच में सामने आया कि जो शख्स पटना में रहता है उसे अलग-अलग जोन्स जैसे जबलपुर, कलकत्ता, जयपुर, हाजीपुर, दिल्ली में अपॉइंट किया गया। इसके बदले या तो इन्होंने खुद या इनके परिवार के लोगों ने अपनी जमीन तत्कालीन रेल मंत्री भारत सरकार, लालू यादव के नाम या एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के नाम कर दी।
सर्कल रेट से कम दाम में खरीदी करोड़ों की जमीनें
जांच के हिसाब से ये 7 प्रोपर्टी सेल डीड और गिफ्ट डीड के तौर पर लालू यादव और उनके परिवार ने तकरीबन 1,05,292 स्कॉयर फीट एकॉयर कर रखी है। सभी लैंड की पेमेंट कैश दिखाई गई थी। करंट समय मे इन सभी लेंड की टोटल कीमत 4,39,80,650 है। जांच में सामने आया कि सर्कल रेट से बेहद कम दामो में ये जमीनें लालू यादव और उनके रिश्तेदारों ने खरीदी जबकि इन जमीनों की सर्कल रेट से कॉफी ज्यादा कीमत थी। जांच में सामने आया कि इन जोन्स में किसी नौकरी के लिए कोई पब्लिक नोटिस नहीं निकाला गया था।
लालू और परिवार पर लगी कई धाराएं
लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती, हिमा यादव और बाकी आरोपी जिन्होंने जमीन के बदले नौकरी ली, इनके ख़िलाफ़ आईपीसी 120बी, प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 11,12 (1988), 13(2) 13(1) (d) प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 दर्ज किया गया। अब इस केस की जांच एफआईआर 18 मई 2022 को दर्ज करने के बाद आईओ रूपेश कुमार श्रीवास्तव एसपी संदीप कुमार शर्मा की देखरेख में कर रहे है। इसी सिलसिले में 25 ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी जारी है। जिंसमे लालू और तेजस्वी के करीबी और तेजस्वी के मॉल शामिल है।