Friday, November 22, 2024
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लालू यादव की और बढेंगी मुश्किलें, जमीन के बदले रेलवे में नौकरी मामले में चलेगा मुकदमा

केंद्रीय जांच ब्यूरो ने आरोप लगाया है कि इस मामले में पटना में 1,05,292 फुट जमीन लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों ने विक्रेताओं को नकद भुगतान कर अधिग्रहित की थी।

Edited By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Updated on: January 13, 2023 22:58 IST
लालू यादव- India TV Hindi
Image Source : FILE लालू यादव

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी के मुखिया लालू यादव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एकतरफ जहां लालू यादव का हाल ही में सिंगापुर में किडनी ट्रांसप्लांट हुई है और वह अभी वहीं है। वहीं दूसरी तरफ भारत में उनपर एक और मुकदमा चलाने की मज्नुरी मिल गई है। जमीन के बदले नौकरी से जुड़े मामले में लालू के खिलाफ सीबीआई को गृह मंत्रालय से मुकदमा चलाने की मंजूरी मिल गई है। 

लालू समेत 16 लोगों को किया गया है नामजद 

सीबीआई ने पिछले साल अक्टूबर में अपने आरोप पत्र में लालू प्रसाद, उनकी पत्नी, बेटी, मध्य रेलवे के तत्कालीन जीएम, तत्कालीन मुख्य कार्मिक अधिकारी (सीपीओ), निजी व्यक्तियों और मामले में कुछ उम्मीदवारों सहित 16 आरोपियों को नामजद किया था। सीबीआई ने कहा था कि जांच के दौरान यह पाया गया है कि आरोपियों ने मध्य रेलवे के तत्कालीन महाप्रबंधक और केंद्रीय रेलवे के सीपीओ के साथ साजिश रचकर जमीन के बदले में अपने या अपने करीबी रिश्तेदारों के नाम पर लोगों को नियुक्त किया था। यह भूमि उस समय के सर्कल दामों से कम और बाजार दर से काफी कम कीमत पर अधिग्रहित की गई थी।

सीबीआई ने लगाया झूठे प्रमाणित दस्तावेज जमा करने का आरोप 

सीबीआई ने चार्जशीट में आरोप लगाया है, उम्मीदवारों ने गलत टीसी का इस्तेमाल किया है और रेल मंत्रालय को झूठे प्रमाणित दस्तावेज जमा किए हैं। सीबीआई को जांच के दौरान पता चला है कि लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी और बेटी हेमा यादव को नौकरी चाहने वालों द्वारा नौकरी घोटाले के लिए भूमि के संबंध में जमीन उपहार में दी गई थी, जिन्हें बाद में रेलवे में भर्ती की गई थी।

लालू यादव के OSD की हुई थी गिरफ्तारी 

रेलवे कर्मचारी हरिदयानंद चौधरी और लालू प्रसाद के तत्कालीन ओएसडी भोला यादव को पहले सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। भोला 2004 से 2009 के बीच लालू के ओएसडी थे। अधिकारी ने कहा कि 2004 से 2009 की अवधि के दौरान, लालू प्रसाद ने उम्मीदवारों से रेलवे के विभिन्न जोन में ग्रुप डी के पदों पर नौकरी के बदले अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन ली थी और आर्थिक लाभ प्राप्त किया था।

 एक निजी कंपनी के पक्ष में बेची गई थीं जमीनें 

पटना के रहने वाले कई लोगों ने खुद या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से प्रसाद के परिवार के सदस्यों और उनके परिवार द्वारा नियंत्रित एक निजी कंपनी के पक्ष में पटना स्थित अपनी जमीन बेची थी, वे ऐसी अचल संपत्तियों के हस्तांतरण में भी शामिल थे। रेलवे में भर्ती के लिए विज्ञापन या कोई सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया था। फिर भी जो पटना के निवासी थे, उन्हें मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित विभिन्न जोनल रेलवे में सब्स्टिटूट के रूप में नियुक्त किया गया था।

 

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