चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर इन दिनों बिहार की राजनीति में पहचान बनाने के लिए पद यात्रा पर हैं। उन्होंने शनिवार को अपनी जन सुराज पदयात्रा के दौरान पूर्वी चंपारण में कहा कि आज लालू प्रसाद का बेटा दसवीं भी पास नहीं किया है और उनको चिंता है कि उनका बेटा मुख्यमंत्री कैसे बन जाए। बिहार की जनता जाति और धर्म में ही उलझी रह जाती है। उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था से निकलकर आपका बेटा कभी कलेक्टर नहीं बन सकता है।
स्कूल में कीड़े वाली खिचड़ी खाकर बच्चा कलेक्टर बनेगा?
प्रशांत किशोर ने बिहार की हाल की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि लालू प्रसाद और नीतीश कुमार ने अपने राज में पूरे बिहार की शिक्षा व्यवस्था को पिछले 32 साल में ध्वस्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि कीड़े वाली खिचड़ी स्कूल में बच्चों को बांटी जा रही है और उसको खाकर आपका बच्चा कलेक्टर बनेगा? किशोर ने कहा कि अगर यही स्थिति रही तो मजदूरी के अलावा आपका बच्चा कुछ नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि बिहार में पहले ही 50 नेता दल बना कर बैठे हैं, जो भी नेता आता है वो दल बना कर बैठ जाता है।
"बिहार को खुद बिहार के लोग ही सुधार सकते हैं"
इस दौरान प्रशांत किशोर ने परिवारवाद पर निशाना साधते हुए कहा कि दल बनाने वाले सोचते हैं कि अभी हम आपके नेता हैं और हमारे बाद हमारा बेटा होगा। यह जानते हुए भी कि ऐसे दल ना कभी आपका भला कर सकते हैं ना भला सोच सकते हैं। जनता भी सब जानते हुए उन्हें वोट देती है। उन्होंने लोगों को सचेत करते हुए कहा कि अगर यही हाल रहा तो बिहार की आने वाली पीढ़ी की भी जिंदगी इसी बदहाली और गरीबी में बीतेगी।
पीके ने कहा कि बिहार को कोई सुधार सकता है तो वे खुद बिहार के लोग हैं। किशोर ने कहा कि बिहार तब सुधरेगा जब 5-6 हजार अच्छे ईमानदार आदमी मुखिया और 100 से 150 अच्छे लोग विधायक बनेंगे। बिहार में केवल मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री बदलने से बिहार नहीं बदलने वाला है।