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कटिहार गोलीकांड: किस अधिकारी ने चलवाईं गोलियां? 1200 से ज्यादा पर मुकदमा दर्ज; FIR में कई खुलासे

बिहार के कटिहार के बारसोई में बिजली की आपूर्ति के लिए प्रदर्शन कर रही भीड़ पर पुलिस ने कई राउंड फायरिंग कर दी थी, जिसमें में कथित तौर दो लोगों की मौत हो गई। इस गोलीकांड में अब पुलिस ने मृतकों और घाल समेत 41 नामजद और 1200 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है।

Edited By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Published : Jul 29, 2023 11:41 IST, Updated : Jul 29, 2023 11:43 IST
Katihar firing
Image Source : VIDEO GRAB बिहार के कटिहार में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस फायरिंग में दो की हुई थी मौत

बिहार के कटिहार के बारसोई गोलीकांड में पुलिस ने 41 नामजद और 1 हजार से 1200 अज्ञात लोगों पर मामला दर्ज किया है। पुलिस की इस प्राथमिकी में कई मामलों का खुलासा हो रहा है। दर्ज प्राथमिकी के अनुसार पुलिस ने जो गोली चलाई, वह अनुमंडल पदाधिकारी के निर्देश पर चलाई है और इस दौरान घटनास्थल से पुलिस को तीन जिंदा कारतूस, 4 गोली के खोखे भी बरामद हुए हैं। दर्ज प्राथमिकी के अनुसार पुलिस का मानना है कि इस घटना में दोनों मृतक और इलाजरत जख्मी, नामजद अभियुक्त और अज्ञात 1200 लोगो ने रोड़ा-पत्थर चलाकर सरकारी संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचाने के साथ साथ पुलिस पर भी जानलेवा हमला करने की कोशिश की। 

पुलिस ने FIR में क्या बताया?

बारसोई पुलिस ने इस प्राथमिकी के आवेदन में यह भी दावा किया है कि प्रदर्शन के दौरान मृतक सहित जख्मी युवक और नामजद अभियुक्त के अलावे 1000 से 1200 लोगों के द्वारा नजायज मजमा लगाकर ना केवल सरकारी संपति को क्षति पहुंचाया गया बल्कि पुलिस प्रशासन के साथ उनके सरकारी शस्त्र को भी छीनने का प्रयास किया गया और जान से मारने की नियत से हमला किया गया है। बारसोई थाना अध्यक्ष ने जो प्राथमिकी दर्ज की है, उसमें कहा है कि प्रदर्शन के दौरान अनुमंडल पदाधिकारी के द्वारा उन्हें सूचना मिली कि प्रदर्शन स्थल पर काफी भीड़ जमा हो रही है। जब बारसोई थानाध्यक्ष दलबल के साथ धरना स्थल पर पहुंचे तो प्रदर्शनकारियों के द्वारा पुलिस और विद्युत विभाग के कर्मी के खिलाफ उत्तेजक भाषण दिया जा रहा था, जिसके कारण भीड़ आक्रोशित हो गई और यह भीड़ इतना उग्र हो गई कि विद्युत विभाग कार्यालय में जमकर तोड़फोड़ करने लगी। 

किस अधिकारी के आदेश पर चली गोलियां?
पुलिस ने एफआईआर में बताया कि इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने एक प्रशिक्षु महिला पुलिस अवर निरीक्षक के साथ गाली गलौज करने लगे। इस घटना में 8 पुलिसकर्मी के घायल होने की भी बात प्राथमिकी के आवेदन में लिखी गई है। बारसोई थाना अध्यक्ष ने आवेदन में कहा है कि जब मामला अनियंत्रित हो गया तब अनुमंडल पदाधिकारी के आदेश पर पुलिस अवर निरीक्षक अशोक कुमार दुबे की सरकारी पिस्टल से दो राउंड सिपाही अमित कुमार के रायफल से दो राउंड और सिपाही नीतीश कुमार सिंह के राइफल से पांच राउंड फायर किया गया और फायरिंग होते ही भीड़ में भगदड़ मच गई।

तो कहां से आए जिंदा कारतूस और खोखे?
ऐसे में ये सवाल उठ रहा है कि गोलियां जब सिपाही और पुलिस की सरकारी पिस्टल और रायफल से चलीं तो फिर प्रदर्शन स्थल पर पुलिस को तीन जिंदा कारतूस और 4 गोली के खोखे कहां से बरामद हुए। पुलिस का मानना है कि जब पुलिस की ओर से फायरिंग की गई थी, उधर कोई भी जख्मी स्थिति में नहीं मिला और जहां पुलिस फायरिंग नहीं हुई वहां दो व्यक्ति एक जगह पर और एक व्यक्ति कुछ दूर जख्मी हालत में मिले, जिसे इलाज के लिए अनुमंडल अस्पताल बारसोई भेजा गया।

धरना प्रदर्शन की नही थी कोई इजाजत
एक तरफ धरना प्रदर्शन से पहले ही प्रदर्शनकारियों ने अनुमंडल पदाधिकारी को प्रदर्शन का न केवल ज्ञापन दिया बल्कि पूरे कार्यक्रम की जानकारी भी दी थी। उसके बावजूद भी अनुमंडल पदाधिकारी का दावा है उन्होंने इस धरना प्रदर्शन की कोई इजाजत नहीं दी। सवाल ये भी उठता है कि अगर परमिशन नहीं दी गया तो प्रदर्शन शुरू होने से पहले ही उस पर रोक क्यों नहीं लगाई गई। अगर प्रदर्शन किया गया तो फिर प्रदर्शन से पूर्व सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता क्यों नहीं की गई।

(रिपोर्ट- निरंजन सिंह)

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