पटना: सीपीआई नेता कन्हैया कुमार और बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी के बीच सोमवार को हुई बैठक के बाद राज्य की सियासत में अटकलों का दौर शुरू हो गया है। कन्हैया कुमार ने JDU नेता अशोक चौधरी से उनके आवास पर मुलाकात की। दोनों की मुलाकात से अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। हालांकि, इस मुलाकात को औपचारिक बताया जा रहा है।
लेकिन, इस मुलाकात का समय बेहद ही गौर करने वाला है। यह मुलाकात ऐसे वक्त में हुई है, जब सीपीआई ने कन्हैया कुमार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया है। ऐसे में कन्हैया कुमार के जदयू में शामिल होने की अटकलें तेज हैं लेकिन जदयू नेता अजय आलोक ने कन्हैया कुमार की विचारधारा को JDU की विचारधारा से अलग करार दिया।
अजय आलोक ने कहा कि 'कन्हैया कुमार कम्युनिस्ट विचारधारा के हैं और अगर वह अपनी विचारधारा छोड़कर JDU की विचारधारा को अपनाते हैं और पार्टी के सच्चे सिपाही बनकर काम करना चाहते हैं, तो उनका स्वागत है।' हालांकि, कन्हैया और चौधरी के करीबी सूत्रों का कहना है कि यह एक "गैर-राजनीतिक" बैठक थी और दोनों एक दूसरे को लंबे समय से जानते हैं।
वहीं, दोनों नेताओं की इस मुलाकात को लेकर भाजपा की भी प्रतिक्रिया आई है। बिहार सरकार में भाजपा कोटे से मंत्री सुभाष सिंह ने पूर्व JNUSU अध्यक्ष को "पागल" कहा। इसके साथ ही उन्होंने एक गठबंधन दल के वरिष्ठ नेता के साथ उनकी मुलाकात को ठीक नहीं बताया। उन्होंने कहा, यह "ठीक नहीं है।"
गौरतलब है कि कन्हैया कुमार पर पिछले साल 1 दिसंबर को पटना में पार्टी के कार्यालय सचिव इंदु भूषण के साथ बदसलूकी करने का आरोप था। इतना ही नहीं, पिछले हफ्ते हैदराबाद में सीपीआई की अहम बैठक हुई थी जिसमें उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। बैठक में मौजूद 110 सदस्य में से 3 को छोड़कर बाकी सभी ने प्रस्ताव का समर्थन किया था।