Thursday, November 21, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. बिहार
  3. बिहार : आरजेडी और कांग्रेस की दोस्ती में रोड़ा बने कन्हैया !

बिहार : आरजेडी और कांग्रेस की दोस्ती में रोड़ा बने कन्हैया !

बिहार में दो विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में विपक्षी दल कांग्रेस और राज्य की सबसे बड़ी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में दोस्ती टूट गई है। दोनों पार्टियां दोनों सीटों पर अपने-अपने प्रत्याशी की घोषणा कर दी है और ये 'योद्घा' अब चुनावी समर में ताल ठोकने के लिए उतरने वाले हैं। 

Reported by: IANS
Published on: October 06, 2021 12:36 IST
बिहार : आरजेडी और कांग्रेस की दोस्ती में रोड़ा बने कन्हैया !- India TV Hindi
Image Source : FILE बिहार : आरजेडी और कांग्रेस की दोस्ती में रोड़ा बने कन्हैया !

पटना: बिहार में दो विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में विपक्षी दल कांग्रेस और राज्य की सबसे बड़ी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में दोस्ती टूट गई है। दोनों पार्टियां दोनों सीटों पर अपने-अपने प्रत्याशी की घोषणा कर दी है और ये 'योद्घा' अब चुनावी समर में ताल ठोकने के लिए उतरने वाले हैं। दोनों पार्टियों की दोस्ती टूटने का सबसे बड़ी कारण कन्हैया कुमार की कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करना माना जा रहा है। राजद कहीं से भी कन्हैया के साथ खड़ी होना नहीं चाह रही है।

कहा जाता है कि कन्हैया को लेकर तेजस्वी शुरू से ही असहज रहते हैं। पिछले साल हुए विधासभा चुनाव में वामपंथी दल, कांग्रेस और राजद साथ मिलकर महागठबंधन के तहत चुनाव लडा था। इस चुनाव में तेजस्वी और कन्हैया अपनी-अपनी पार्टियों के स्टार प्रचारक थे। घटक दलों के प्रत्याशी की जीत के लिए दोनों नेताओं ने पूरा जोर लगाया तथा एक-दूसरे के प्रत्याशियों के लिए प्रचार करने भी उतरे, लेकिन कन्हैया और तेजस्वी ने एक साथ मंच साझा नहीं किया।

इस स्थिति में कन्हैया के कांग्रेस में शमिल होने के बाद से ही राजद असहज नजर आ रही है। राजद के नेता और विधायक भाई विरेंद्र ने तो कन्हैया को पहचानने से इंकार कर दिया।

इधर, राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने भी कहा कि अब जब कन्हैया कुमार कांग्रेस पार्टी में आ गए हैं, तो कांग्रेस आलाकमान को पार्टी की कमान कन्हैया को ही दे देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी सहानुभूति अब भी कांग्रेस के साथ है। यह वही कन्हैया हैं, जिन्होंने बेगूसराय में राजद को हराने के काम किया था।

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में कन्हैया सीपीआई के टिकट पर बेगूसराय क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतरे थे, उस समय राजद ने तनवीर को अपना प्रत्याशी बनाकर चुनावी मैदान में उतार दिया था। राजद के इस निर्णय से ही स्पष्ट हो गया था कि लालू प्रसाद किसी भी हाल में कन्हैया जैसे युवा नेता को तेजस्वी के सामने खड़ा होते नहीं देखना चाहते हैं।

इधर, कन्हैया अब कांग्रेस में शामिल हो गए। वैसे, इस उपचुनाव में कांग्रेस भी पीछे हटने को तैयार नहीं दिखी। बिहार में राजद के बूते राजनीति करने वाली कांग्रेस राजद द्वारा दोनों सीटों पर प्रत्याशी उतारे जाने पर खुलकर विरोध किया और अंतिम समय में दोनों सीटों पर अपने प्रत्याशी की भी घोषणा कर दी।

अब तय है कि कांग्रेस प्रत्याशी के प्रचार के लिए कन्हैया बिहार आएंगें और उन्हें राजनीति में अपना कद बढ़ाने का मौका मिलेगा। कहा जा रहा है कि राजद यही नहीं चाहती थी।

उल्लेखनीय है कि राजद कुशेश्वरस्थान से गणेश भारती को टिकट दिया, वहीं तारापुर से अरुण कुमार साह को प्रत्याशी घोषित किया है जबकि कांग्रेस ने कुशेश्वरस्थान से अतिरेक कुमार और तारापुर से राजेश कुमार मिश्रा को अपना उम्मीदवार बनाया है। इसके साथ ही दोनों दलों की राह अलग हो गई हैं।

बिहार के तारापुर और कुशेश्वरस्थान की विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहा है। इन दोनों क्षेत्रों में 30 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे, जबकि दो नवंबर को परिणाम घोषित होगा। प्रत्याशी आठ अक्टूबर तक नामांकन का पर्चा दाखिल कर सकते हैं।

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें बिहार सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement