भागलपुरः बिहार के भागलपुर जिले के डीएम और तीन अधिकारियों को कोर्ट के एक आदेश की अवहेलना करना भारी पड़ गया है। व्यवहार न्यायालय कहलगांव ने डीएम और तीन अधिकारियों की गाड़ियों को कुर्क करने का आदेश जारी किया है। इन अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि वे अपनी-अपनी गाड़ियों को कोर्ट में जाकर हैंडओवर करें। उसे बेचकर ही अब डिग्री होल्डरों को पैसे भुगतान किए जाएंगे।
4,71,380 रुपये भुगतान करने का आदेश
मिली जानकारी के अनुसार, अवर न्यायाधीश अमित कुमार शर्मा ने वाद संख्या 04/20 कुंदन कुमार सिन्हा बनाम बिहार सरकार के मामले में एक आदेश पारित किया है। यह आदेश डिग्री होल्डर को 4,71,380 रुपये का भुगतान न्यायालय के पूर्व में दिये गये आदेश के बाद भी नहीं करने और कोर्ट की अवहेलना करने पर दिया है।
इन अधिकारियों की गाड़ी होगी कुर्क
कोर्ट ने जिलाधिकारी भागलपुर के सफारी स्टॉर्म गाड़ी बीआर 10 ऐबी 0777, मुख्य अभियंता वॉटर रिसोर्स विभाग बरारी भागलपुर की सरकारी गाड़ी बीआर 08पी 4510 और अभियंता गंगा पंप नहर परियोजना शिवनारायणपुर की सरकारी गाड़ी बीआर 9 जी 4715 को कुर्क करने का आदेश पारित किया है।
गाड़ियों को बेचकर जमा की जाएगी राशि
पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि सात दिनों के भीतर अपनी गाड़ियों को स्वयं से नाजिर व्यवहार न्यायालय कहलगांव को हैंडओवर करें, जिसे बेच डिग्री होल्डर को राशि दी जा सके। वहीं, जिला विधि शाखा से बात करने पर बताया गया कि अभी तक इस तरह की कोई जानकारी या आदेश विधि शाखा को प्राप्त नहीं हुआ है। न्यायालय से जारी आदेश प्राप्त होने के बाद इसके विभिन्न न्यायिक पहलुओं पर विचार किया जायेगा।
क्या है पूरा मामला
लीज पर लिए गए बगीचे में हुई क्षति का भुगतान नहीं करने पर कहलगांव व्यवहार न्यायालय ने डीएम सहित जिले के तीन अधिकारियों के वाहन कुर्क कर पैसा देने का आदेश दिया है। अवर न्यायाधीश अमित कुमार शर्मा के कोर्ट ने वाद संख्या 04/20 कुंदन कुमार सिन्हा बनाम बिहार सरकार के मामले में यह आदेश दिया है। न्यायाधीश ने कहा है कि पूर्व में दिए गए आदेश के बाद भी 4 लाख 71 हजार 380 रुपए का भुगतान नहीं करना कोर्ट की अवहेलना है। लीज पर लिये बगीचे में हुई क्षति का भुगतान नहीं हुआ है। शिवनारायणपुर निवासी कुंदन कुमार सिन्हा ने कहलगांव में सिंचाई विभाग का आम का बगीचा दो साल के लिए लीज पर लिया था। एक साल बाद प्रशासन ने कटाव के विस्थापितों को उस बगीचे में बसा दिया। वे मुआवजे के भुगतान के लिए कोर्ट चले गए थे।
रिपोर्ट - अंजनी कुमार कश्यप