Highlights
- बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम सुप्रीमो जीतनराम मांझी ने शराबबंदी को लेकर बड़ा बयान दिया है
- जीतन राम मांझी ने शराबबंदी कानून में संशोधन की वकालत की है
- उन्होंने कहा है कि सीमित मात्रा में शराब पीने की छूट मिलनी चाहिए
पटनाः बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम सुप्रीमो जीतनराम मांझी ने शराबबंदी को लेकर बड़ा बयान दिया है । जीतन राम मांझी ने शराबबंदी कानून में संशोधन की वकालत की है। उन्होंने कहा है कि सीमित मात्रा में शराब पीने की छूट मिलनी चाहिए । साथ ही आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के बिहार में शराब पीने की भी बड़ी बात कही है।
बगहा के हर्नाटांड़ में भारतीय थारू कल्याण महासंघ द्वारा आयोजित अनुसूचित जनजाति सम्मेलन में जीतनराम मांझी शिरकत कर रहे थे। पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के साथ बिहार सरकार के मंत्री संतोष कुमार सुमन भी शामिल थे। इस दौरान जीतनराम मांझी ने कहा कि उन्होंने कहा कि शराबबंदी नीति में बदलाव होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बड़े-बड़े अधिकारी, IAS-IPS से लेकर नेता तक शराब पीते हैं। वो रात को 10 बजे बाद शराब पीते हैं और उन्हें कोई गिरफ्तार नहीं करता है। अगर कोई दवा के रूप में थोड़ी शराब लेता है तो कोई गलत नहीं है।
शराबबंदी कानून की आड़ में गरीबों और दलितों को पकड़कर जेल में डाला जा रहा है। आधा बोतल और एक बोतल शराब का सेवन करने पर जेल भेजा जा रहा है। अगर कोई 50 लीटर 100 लीटर के साथ पकड़ में आ रहा है तो उसको जेल भेजो। उन्होंने दवा के रूप में शराब के कम मात्रा में सेवन को फायदेमंद बताया साथ ही बल्कि कमजोर वर्ग के लोगों को ये भी सलाह दे दी कि थोड़ा-थोड़ा पीकर घर में सो जाओ, बाहर नहीं निकलो।
उन्होंने इस दौरान कहा कि देश में एक समान शिक्षा नीति लागू हो। जापान, भूटान ,अमेरिका में प्राइवेट स्कूल नहीं है। हिंदुस्तान में भी प्राइवेट स्कूल बंद होना चाहिए। बिहार में कॉमन एजुकेशन पॉलिसी लागू होना, प्राइवेट स्कूल बन्द होना चाहिए।
वाल्मीकिनगर में हम के राष्ट्रीय अधिवेशन से ठीक पहले मांझी का यह बयान सरकार के लिए मुसीबत खड़ी कर सकती है।