बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने सत्ताधारी महागठबंधन से अपना समर्थन वापस ले लिया है। इसके बाद मांझी ने गया सर्किट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि 9 महीने के सीएम के कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए थे, उसका लागू होना था। उसी के तहत 'हम' पार्टी का गठन किया गया। उन मुद्दों को नीतीश कुमार आगे बढ़ाएं। मांझी ने आगे कहा कि 6 से 7 सालों में उसे पूरा करने का प्रयास किया। कई सारे मुद्दे थे, आधी आबादी के 1 से ग्रेजुएशन तक पढ़ाई फ्री करना था। सभी निर्णय को नीतीश कुमार ने रद्द कर दिया था।
नीतीश कुमार ने रद्द किए कई अहम फैसले
जीतन राम मांझी ने आगे कहा कि सभी डिग्री होल्डर जिन्हें नौकरी नहीं मिली हो, उन्हें बेरोजगारी भत्ता दिलाने का मुद्दा है, जिसमें 5 हजार रुपये मासिक देना था, जिसे भी सीएम नीतीश कुमार ने रद्द कर दिया और उसके बदले स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना लागू किया जिससे छात्रों के सामने कर्ज की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। 5 एकड़ भूमि रखने वाले किसानों के लिए बिजली फ्री में देंगे यह हमारी योजना थी। कई राज्यो में यह लागू है लेकिन नीतीश कुमार ने इसे भी रद्द किया।
"क्षेत्र में जाते हैं तो लोग हमें कहते हैं..."
मांझी ने आगे कहा कि अनुसूचित जाति के लिए 5 डीसीमल जमीन देंगे, इस निर्णय को भी ताक पर रख दिया। आज ऐसी स्थिति है कि जो भूदान में जमीन दी गई थी, वह दूसरे के कब्जे में है। नीतीश कुमार को यह सारी बातें बताई गई थीं जिसपर कहा था कि सचिव बात करेंगे लेकिन आज तक वह बात ही हो रही है। क्षेत्र में जाते हैं तो लोग हमें कहते हैं कि बालू माफियाओं के साथ हो गए हैं। शराब बंदी गरीबों के लिए है, सभी बड़े-बड़े अधिकारी शराब पीते हैं, उनको ब्रेथ एनालाइजर नहीं लगाया जाता है। हमारी सरकार बेरहम हो गयी है। ताड़ी नेचुरल जूस है उस पर भी प्रतिबंधित कर दिया गया है।
"सीएम बनाने का मकसद नहीं..."
पूर्व सीएम मांझी ने कहा कि छोटे-छोटे दुकान चलाने वाले दुकान बंद कर दीजिए कह रहे है। हमारे सभी विधायक के सामने यह बात कही थी दुकान बंद कीजिए नहीं तो बाहर जाइए। समस्याओं को सुनने वाले नहीं थे। उसके बाद 13 जून को संतोष कुमार सुमन ने इस्तीफा दिया। इसलिए कहा कि हम बाहर जाना चाहते हैं। बेटे को सीएम बनाने का मकसद नहीं, जनता के लिए निर्णय लिया है। नीतीश कुमार ने लाचारी में सीधा साधे आदमी के लिए हमको चुना और सीएम बनाया। चुंकि 2014 के चुनाव में हारे थे, इस्तीफा देने की मांग हो रही थी।
"कोई साइड बिजनेस नहीं, सिर्फ जनता की सेवा की"
जीतन राम ने कहा कि 44 साल से राजनीति कर रहे हैं सिर्फ जनता की सेवा में बिताया है, कोई साइड बिजनेस नहीं है और नीतीश कुमार कहते हैं पार्टी विलय करो तो यह सम्मान नहीं है। हमारी पार्टी चल नहीं दौड़ रही है। हमे कोई शिकवा शिकायत नहीं है लेकिन प्रतिस्ठा दांव पर हुई तो इस्तीफा दिया। हम एनडीए में कब थे। हम तो नीतीश कुमार के साथ थे, हमने कसम भी खायी थी जिसे नीतीश कुमार ने कसम मुक्त कर दिया।
"नीतीश खुद एनडीए से मिल जाएंगे, तेजस्वी को सीएम नहीं बनाएंगे"
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भाजपा से मिलने पर मांझी ने कहा कि कोई प्रमाण है? क्या नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार नहीं बनाई थी। तेजस्वी यादव को लॉलीपॉप दिखा रहे हैं और खुद एनडीए से मिल जाएंगे लेकिन तेजस्वी यादव को सीएम नही बनाएंगे। 19 जून को बैठक होगी उसके बाद बताएंगे किसके साथ जाएंगे। जीतनराम मांझी ने कहा कि हम जिस समाज से हैं उसे भुईयां कहते हैं, जिसके साथ रहते हैं बेईमानी नहीं करते हैं।
"मोदी के व्यक्तित्व जैसा अभी कोई आदमी नहीं है"
तेजस्वी के कार्यक्रम में मोदी का नारा लगने पर जीतनराम मांझी ने कहा कि इसे समझिए। दशरथ मांझी के बेटा और नाती के जदयू जॉइनिंग पर कहा कि महादलित के लिए कोई चाहिए ना, विपक्षी एकता एक हों तब ना, 19 जून के बाद सब बात सामने होगी। पीएम मोदी की बढ़ाई करते हुए उन्होंने कहा कि देश में उनके व्यक्तित्व जैसा अभी कोई आदमी नहीं है। उन्होंने कहा कि गया एसएसपी के खिलाफ गृह मंत्रालय से शिकायत करेंगे कि अनुसूचित जाति का प्राथमिकी दर्ज न करके अगेंस्ट पार्टी से मिलकर दलितों पर प्राथमिकी दर्ज करते हैं।
(रिपोर्ट- अजीत कुमार)
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