पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अक्सर अपने राजनीतिक फैसले से सुर्खियों में आ जाते हैं। चाहे वह बिहार में शराबबंदी का फैसला हो, गठबंधन का ऐलान होया जदयू के अध्यक्ष पद का फैसला-नीतीश कब क्या फैसला ले लेंगे यह बता पाना मुश्किल है। नीतीश कुमार जहां विपक्षी एकजुटता की अगुवाई कर रहे हैं तो वहीं इस बीच मंगलवार (19 दिसंबर) को दिल्ली में हुई इंडिया गठबंधन की चौथी बैठक के बाद नीतीश ने दो ऐसे ऐलन किए हैं जिससे सबको हैरत हो रही है कि आगे नीतीश करेंगे क्या?
नीतीश ने दिल्ली में बुलाई अहम बैठक
दरअसव, 29 दिसंबर को जेडीयू की राष्ट्रीय कार्रकारिणी की बैठक दिल्ली में बुलाई गई है और इसके साथ साथ अब जेडीयू के राष्ट्रीय परिषद की बैठक भी दिल्ली में ही बुलाई गई है। 29 दिसंबर को पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार सिर्फ राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई थी लेकिन अब राष्ट्रीय परिषद की भी बैठक बुला ली गई है। बत3 दें कि जेडियू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में इस वक्त 99 सदस्य हैँ जबकि राष्ट्रीय परिषद में दो सौ सदस्य हैं। 29 तारीख की सुबह पार्टी पदाधिकारी की बैठक के ठीक बाद कार्यकारिणी की बैठक होगी। दोपहर बाद राष्ट्रीय परिषद की बैठक होगी। ऐसे में देखना होगा कि इन दोनों बैठकों के बाद पार्टी की ओर से क्या निर्णय लिए जाते हैं।
इंडिया गठबंधन की बैठक में क्या हुआ ऐसा
इंडिया गठबंधन की बैठख की बात करें तो फिलहाल इसमें कुछ खास निकल कर नहीं आया है। लेकिन गठबंधन में सीटों के बंटवारे पर सीएम नीतीश कुमार गंभीर हैं और वे चाहते हैं कि लोकसभा में सीटों के बंटवारे को लेकर जो भी फॉर्मूला हो उसका फैसला जल्द से जल्द हो जाना चाहिए। बैठक में एक बात ऐसी हुई जिससे नीतीश कुमार को झटका जरूर लगा होगा। ऐसा इसलिए कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मल्लिकार्जुन खरगे का नाम विपक्ष के पीएम पद के चेहरे के लिए आगे किया और इसपर दिल्ली के सीएम ने भी अपनी सहमति जता दी।
पीएम पद के फेस के लिए बार-बार नीतीश कुमार कह चुके हैं मेरी कोई ऐसी इच्छा नहीं है लेकिन जदयू के अन्य नेता लगातार बयान दे रहे हैं कि पीएम पद के उम्मीदवार के लिए नीतीश से बेहतर विकल्प और कोई नहीं हो सकता है। जदयू के नेता ये कह रहे हैं कि नीतीश कुमार सर्वगुण संपन्न हैं। राजद के नेता भी जदयू के सुर में सुर मिला रहे हैं।