पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर चल रही तैयारी का निरीक्षण करने सड़कमार्ग से विभिन्न घाटों पर गए। कुमार पहले स्टीमर से गंगा नदी के किनारे बने घाटों का निरीक्षण किया करते थे, लेकिन इस बार उन्होंने आज सड़क मार्ग से ही घाटों का निरीक्षण किया। हाल ही में जब उनका स्टीमर एक पीलर से टकरा गया था, जिससे उन्हें चोट लग गई थी। इस बात का खुलासा आज खुद मुख्यमंत्री ने किया।
छठ के मद्देनजर उनके द्वारा प्रत्येक वर्ष किए जाने वाले निरीक्षण के बारे में बारे में पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर 71 वर्षीय कुमार ने कुर्ता उठाकर अपने पेट में लगी चोट को दिखाते हुए कहा कि उनके पैर में भी चोट लगी है। उन्होंने कहा कि कार में आगे की सीट उन्हें सीट बेल्ट पहनने की आवश्यकता होगी, लेकिन पेट में चोट के कारण नहीं वह ऐसा नहीं कर सकते, इसलिए वह पिछली सीट पर बैठकर भ्रमण कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि जेपी सेतु के एक खंभे से जो स्टीमर टकरा गया था, उसपर सवार सभी लोगों के सुरक्षित होने का प्रशासन ने दावा करते हुए कहा था कि उन्हें दूसरे जहाज में स्थानांतरित कर दिया गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी घाटों में पर्याप्त इंतजाम नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर घोषणा करें कि किन-किन घाट आम लोगों के लिए उपयुक्त सुविधाएं हैं। उन्होंने कहा कि वह 2006 से हर साल छठ से पहले घाटों का निरीक्षण करते आ रहे हैं। यह सर्वविदित है कि मुख्यमंत्री त्योहार के दिन भी स्टीमर की सवारी कर गंगा नदी के विभिन्न घाटों किनारे पूजा करने वाले छठ व्रतियों और श्रद्धालुओं का अभिवादन करते रहे हैं।
छठ पर बिहार आ रहे लोगों के लिए विशेष ट्रेन की व्यवस्था से संबंधित प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि रेलवे के अधिकारियों से बात की गई है कि इस पर्व को मनाने के लिए प्रदेश आने वालों को दिक्कत नहीं हो। उनका कहना था कि सब कुछ देखा जा रहा है कि कहीं भी किसी को किसी प्रकार की दिक्कत न हो। इसबीच पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी वीरेन्द्र कुमार ने बताया कि छठ के अवसर पर देश के विभिन्न शहरों से बिहार आने एवं महापर्व के उपरांत वापसी यात्रा के लिए पूर्व मध्य रेल के विभिन्न स्टेशनों पर पहले से सूचित 124 पूजा स्पेशल ट्रेनों के अलावा 14 और पूजा स्पेशल ट्रेन का परिचालन किया जाएगा।