पटना: बिहार सरकार में मंत्री मुकेश सहनी के भाई संतोष सहनी अपने मंत्री भाई की पूरी जबाबदेही अपने कंधों पर उठाए जिला दर जिला घूम रहे हैं। पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन विभाग के मंत्री मुकेश सहनी की जगह पर एक सरकारी कार्यक्रम में उनके भाई संतोष सहनी के भाग लेने और लाभुकों को दी जाने वाली गाड़ियों की चाभी सौंपे जाने के मामले पर बवाल मच गया है। इस मुद्दे को लेकर शुक्रवार को विधानसभा में विपक्षी सदस्यों ने जमकर हंगामा किया। विधानसभा में RJD के नेता भाई वीरेंद्र ने सरकारी कार्यक्रम में खुद न जाने के बदले अपने भाई को भेजने वाले मुकेश सहनी पर निशाना साधा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मामले में संज्ञान लेने की मांग की।
मुख्यमंत्री ने भी जताया आश्चर्य
मुख्यमंत्री ने इस मामले के सामने आने के बाद खुद आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है। आखिर ऐसा कैसे हो सकता है कि मंत्री का भाई किसी सरकारी कार्यक्रम का उद्घाटन कर सकता है। उन्होंने कहा कि इसकी रिपोर्ट मंगाई जा रही है। उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा कि जो भी दोषी होगा कार्रवाई की जाएगी। दरअसल, यह मामला वैशाली जिले के हाजीपुर से जुड़ा है। हाजीपुर के अक्षयवट राय स्टेडियम में पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग द्वारा मत्स्य विपणन योजना के तहत अनुसूचित जाति एवं अति पिछड़ा जातियों के मत्स्य पालकों के लिए वाहन वितरण समारोह का आयोजन किया गया था।
कार्यक्रम स्थल पर संतोष सहनी पहुंचे
कार्यक्रम स्थल पर परंपरा के मुताबिक मुख्य अतिथि के तौर पर मंत्री मुकेश सहनी को पहुंचना था। वहां मंत्रालय का बड़ा-सा बैनर लगा था और उस पर मंत्री की फोटो भी लगी थी। कार्यक्रम स्थल पर लगे बैनर में उद्घाटनकर्ता के रूप में विभाग के मंत्री मुकेश सहनी का नाम लिखा हुआ था, लेकिन मंत्री यहां खुद नहीं आए और उनकी जगह उनके भाई संतोष सहनी पहुंच गए। सरकारी अधिकारियों की उपस्थिति के बीच उन्होंने इस कार्यक्रम का ना केवल उद्घाटन किया बल्कि लाभुकों के बीच वाहनों का भी वितरण किया।
‘व्यस्त थे मंत्री, इसलिए प्रतिनिधि के रूप में हुए उपस्थित’
इस मौके पर जब संतोष सहनी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मंत्री की व्यस्तता के कारण उनके प्रतिनिधि के रूप में वे यहां उपस्थित हुए हैं। कार्यक्रम में आए मछलीपालक भी मंत्री की बजाय उनके भाई के आने से खासे निराश दिखे। उन्होंने कहा कि मंत्री जी आते तो ज्यादा अच्छा होता क्योंकि वे अपनी समस्या कह पाते। इस मामले के प्रकाश में आने के बाद अब तक मंत्री का कोई बयान सामने नहीं आया है, लेकिन इसे लेकर विधानसभा और विधान मंडल में जमकर हंगामा हुआ। जानकर बताते है की नई-नई पार्टी और मंत्रालय मिलने के बाद मुकेश सहनी अपने भाई को भी राजनीति में फिट करवाने की कवायद में जुट गए हैं।