Highlights
- मठ, मंदिरों के पास 30 हजार एकड़ जमीन
- अधिकांश जमीनों पर स्थानीय लोगों का कब्जा
पटना: बिहार सरकार अब में मठ और मंदिरों के जमीन की जांच कर इसे चिह्न्ति करेगी और उसकी परिसंपत्ति की जानकारी धार्मिक न्यास बोर्ड और जिलास्तर पर रखी जाएगी। राज्य के विधि मंत्री प्रमोद कुमार ने बताया कि अभी तक धार्मिक न्यास बोर्ड से संबंधित सभी भूमि की मापी नहीं हो सकी है। फिलहाल जो रिपोर्ट आई है उसके अनुसार राज्य में 1283 निबंधित और 1509 गैर पंजीकृत मंदिर हैं। राज्य में मठ, मंदिरों के पास निबंधित तथा अनिबंधित 30 हजार एकड़ जमीन है, जिसमें अधिकांश जमीनों पर स्थानीय लोगों का कब्जा है।
बिहार विधानसभा में सोमवार को एक प्रश्न के उत्तरर में विधि मंत्री ने कहा कि मठ-मंदिरों की जमीन के रैयत कॉलम में भगवान का नाम होगा। सेवादार का नाम अभियुक्ति कॉलम में दर्ज होगा। मठ-मंदिरों की जमीन अतिक्रमण मुक्त करवाने को लेकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री के साथ बैठक की गई है।
विधि मंत्री ने कहा कि धार्मिक स्थलों की भूमि की सुरक्षा के लिए प्रमंडलीय तथा जिला स्तर पर कई बैठक विभिन्न अधिकारियों के साथ की गयी है। मंत्री ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार राजस्व अभिलेखों में रैयत के कॉलम में केवल भगवान का नाम दर्ज रहेगा।
उन्होंने बताया कि जिला पदाधिकारियों ने जिलास्तर पर जिले के अपर समाहर्ता, राजस्व को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है। धार्मिक न्यास की संपत्ति को अवैध कब्जा से मुक्त कराने के लिए न्यायाधिकरण का गठन किया गया है।
मंत्री ने आगे कहा कि सभी जिलों से यह सवाल उठा है कि मंदिर के अतिरिक्त जो मंदिर की भूमि है, उसकी सुरक्षा के लिए उसे चिह्न्ति कर भूमि की मापी की जाए और उसकी पिलरिंग करवाई जाए।
इनपुट-IANS