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Bihar News: अदालत ने 26 साल पुराने मामले में बरी किया, खबर सुनते ही आया हार्ट अटैक

Bihar News: हार्ट अटैक से मौत होना अब आम बात सी हो गई है। इसके चपेट युवां समेत हर कोई आने लगा है। आए दिन खबर मिलता है कि युवक की मौत हार्ट अटैक से हो गई। ऐसा ही एक मामला बिहार से देखने को मिला, जहां व्यक्ति 26 साल के एक केस में बरी हुआ तो खबर सुनकर हार्ट अटैक आ गया जिसके कारण उसकी मौत हो गई।

Edited By: Ravi Prashant @iamraviprashant
Published : Oct 20, 2022 22:08 IST, Updated : Oct 20, 2022 22:08 IST
Bihar News
Image Source : INDIA TV Bihar News

Highlights

  • सबूत के अभाव में नागो सिंह और अन्य को बरी कर दिया
  • उन्होंने हमेशा कहा कि वह निर्दोष हैं
  • 43 साल बाद एक व्यक्ति को बरी किया गया था

Bihar News: बिहार के बांका जिले में 26 साल पुराने एक मामले में बरी होने के तुरंत बाद एक बुजुर्ग की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। मृतक की पहचान जिले के बेलहर थाना अंतर्गत झुंका गांव निवासी नागो सिंह (76) के रूप में हुई है। नागो सिंह पर चार अन्य लोगों के साथ 1996 में फसल नष्ट करने का मामला दर्ज किया गया था। अदालत का फैसला बुधवार शाम को आया और इसके साथ ही भगवान ने भी अपना फैसला सुना दिया। 

बरी की खबर सुनकर जमीन पर गिरे

उनके वकील देवेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा, नागो सिंह जमानत पर थे और उनका मानना था कि वह निर्दोष थे और उन्हें मामले में गलत तरीके से फंसाया गया था। जब अदालत का फैसला उनके और अन्य आरोपियों के पक्ष में आया, तो वह सभी राहत महसूस कर रहे थे। लेकिन नागो सिंह अपने बरी होने की खबर सुनकर जमीन पर गिर पड़े। उनके परिवार वाले उन्हें स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया।

26 सालों तक केस लड़ा
उन्होंने कहा, अदालत ने सबूत के अभाव में नागो सिंह और अन्य को बरी कर दिया। मृतक के परिजनों ने कहा कि नागो सिंह के लिए यह 'न्याय में देरी' का मामला है। परिवार के एक सदस्य ने कहा, उन्होंने हमेशा कहा कि वह निर्दोष हैं, फिर भी उन्हें जेल में डाल दिया गया। उन्होंने बेगुनाही साबित करने के लिए 26 साल तक यह केस लड़ा और आखिरकार अदालत ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया।

ये पहला मामला नहीं 
उनकी केस की सुनवाई अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पीयूष कुमार की अदालत में हुई, जिन्होंने सभी आरोपी व्यक्तियों को अदालत में उपस्थित होने का निर्देश दिया था। अंतिम सुनवाई के बाद कुमार ने इस मामले के सभी आरोपियों को बरी कर दिया। यह पहला मामला नहीं है, जब कोई व्यक्ति इतने साल बाद बरी हुआ हो। बक्सर जिले में 11 अक्टूबर को 43 साल बाद एक व्यक्ति को बरी किया गया था।

महज 10 साल की उम्र में हुआ था केस
आपको बता दें कि ये मामला 1979 का है, जब बक्सर जिले के मुरार पुलिस थाने के चौगाई गांव में लोगों के एक समूह पर एक स्थानीय व्यापारी के साथ मारपीट, फायरिंग और हत्या के प्रयास में कथित रूप से शामिल होने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। बरी किए गए मुन्ना सिंह नाम के शख्स की उम्र उस वक्त महज 10 साल थी और व्यापारी ने अपनी शिकायत में उसका नाम लिया था। मुन्ना सिंह (53) को गवाहों की अनुपस्थिति में बरी कर दिया गया था।

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