बिहार में भले ही सियासी उलटफेर हो चुका है लेकिन यहां की की राजनीति हर दिन नया खेल दिखा रही है। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के संस्थापक जीतन राम मांझी ने नई सरकार में शुरू से ही 2 मंत्री पद की डिमांड की है। मांझी की पार्टी के पास 4 विधायक हैं लेकिन सरकार के बहुमत के लिए उनकी अहम भूमिका है। इसके बावजूद भी मांझी की पार्टी को एक ही मंत्री पद दिया गया। ये भी खबर आई थी कि मांझी ने अपने बेटे को दिए गए विभाग पर नाराजगी जताई है। हालांकि, बिहार के पूर्व सीएम जीतनाराम मांझी ने बड़ा ऐलान करते हुए पीएम मोदी के साथ रहने का ऐलान किया है। आइए जानते हैं मांझी ने क्या कहा है।
मैं गरीब हूं लेकिन धोखेबाज नहीं- मांझी
बिहार में जारी सियासी खींचतान के बीच राज्य के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने अपने X प्रोफाइल पर ट्वीट किया है। उन्होंने इस ट्वीट में लिखा- "मेरे लिए कोई सत्ता की कुर्सी मायने नहीं रखती। बस गरीबों, मजलूमो, दबे-कुचलों के हक और हककूक की आवाज उठती रहे उनका काम हो यही काफी है। मैं गरीब ज़रूर हूं पर कुर्सी के लालच में किसी को धोखा नहीं दे सकता। HAM मोदी जी के साथ थें, HAM मोदी जी के साथ हैं, HAM मोदी जी के साथ रहेंगें।"
राजद दे रही थी सीएम पद का ऑफर!
बिहार में एनडीए गठबंधन की सरकार के लिए जीतन राम मांझी की पार्टी के विधायकों को काफी महत्व है। ऐसे में ये भी कहा जा रहा था कि लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद की ओर से मांझी को सीएम का पद भी ऑफर किया जा रहा है। यही कारण था कि मांझी नई सरकार में कम से कम 2 मंत्री पद की डिमांड कर रहे थे। हालांकि, अब खुद मांझी ने सामने आकर इन सभी कयासों पर फुल स्टॉप लगा दिया है।
12 फरवरी को विश्वास मत पर वोटिंग
बिहार में जदयू-भाजपा की नई सरकार की पहली परीक्षा 12 फरवरी को विधानसभा में होगी जब उसे विश्वास मत साबित करना होगा। बिहार विधानसभा में सत्ता पक्ष को 128 जबकि विपक्षी महागठबंधन को 114 विधायकों का समर्थन हासिल है। एआईएमआईएम के विधायक अख्तरुल ईमान किसी गठबंधन के साथ नहीं हैं। स्पीकर अवध बिहारी चौधरी राजद के विधायक हैं।
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