पटना: बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल अपने नेता तेजस्वी यादव की प्रदेश यात्रा के पहले विभिन्न मुद्दों को धार देने में जुटी है। माना जा रहा है कि अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनावों से पहले ही पार्टी ‘जीत का फॉर्मूला’ ढूंढ़ना चाहती है। यही वजह है कि RJD आरक्षण जैसे मुद्दे को लेकर बिहार की जनता के बीच जा रही है और लगातार सत्ताधारी NDA को घेरने का काम कर रही है। बिहार विधानसभा में नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने 15 अगस्त के बाद प्रदेश की यात्रा पर निकलने की घोषणा की है, हालांकि अभी इसे लेकर कोई कार्यक्रम तय नहीं हुआ है।
सरकार को घेरने की है पूरी तैयारी
माना जा रहा है कि अपनी 'बिहार यात्रा' के दौरान तेजस्वी यादव सत्ता पक्ष को विभिन्न मुद्दों पर घेरने की कोशिश करेंगे। बिहार में जाति आधारित गणना के बाद सरकार ने आरक्षण की सीमा बढ़ा दी थी। जातिगत जनगणना से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर महागठबंधन सरकार ने अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण की सीमा 16 से बढ़ाकर 20 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति के लिए 1 से बढ़ाकर 2 प्रतिशत, अत्यंत पिछड़ी जाति के लिए 18 से बढ़ाकर 25 प्रतिशत और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 15 से बढ़ाकर 18 प्रतिशत की थी। इस तरह जाति आधारित आरक्षण की कुल सीमा 50 से बढ़कर 65 प्रतिशत हो गई थी।
कानून-व्यवस्था भी है निशाने पर
बता दें कि अलग से सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। इसके बाद मामला अदालत में पहुंच गया और पटना हाई कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी। पटना हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। दूसरी तरफ RJD इस मुद्दे पर सत्ताधारी पार्टी खासकर JDU को घेर रही है। ऐसे में तय है कि तेजस्वी अपनी यात्रा के दौरान इस मुद्दे को हवा देंगे। इसी तरह RJD कानून व्यवस्था के मुद्दे को लेकर भी सत्ता पक्ष पर हमलावर है। तेजस्वी यादव खुद इस मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साधते रहे हैं।
भ्रष्टाचार भी है एक बड़ा मुद्दा
तेजस्वी अपनी बिहार यात्रा में इन दोनों मुद्दों को प्रमुखता से लेकर लोगों के बीच जा सकते हैं। भ्रष्टाचार के मामले भी विपक्ष को तलाशने की जरूरत नहीं है क्योंकि बारिश के दिनों में लगातार पुलों का धराशायी होना विपक्ष को बड़ा मुद्दा दे गया है। वहीं, केंद्र सरकार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने से साफ मना कर दिया है। हालांकि, केंद्रीय बजट में बड़ी राशि का प्रावधान कर केंद्र सरकार ने इस मांग के असर को काफी हद तक कम किया है, लेकिन यह मुद्दा अब भी जिंदा है। माना जा रहा है कि तेजस्वी इस मुद्दे को भी अपने दौरे के क्रम में उठाएंगे। (IANS)