Friday, November 15, 2024
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टॉर्च ने बचा ली युवक की जान: सुसाइड करने के लिए रेलवे ट्रैक पर लेटा था, लोको पायलट को दिखी रोशनी और धड़धड़ाती हुई ट्रेन...

4 सितंबर की देर रात सिवान से गोपालंगज के पंचदेवरी के लिए एक पैसेंजर ट्रेन निकली थी। रात के 10:30 बजे जैसे ही ट्रेन हथुआ से आगे बढ़ी और लाइन बाजार हॉल्ट के पास पहुंची तो ट्रेन के लोको पायलट को ट्रैक पर टॉर्च जलती दिखाई दी।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published on: September 07, 2023 9:41 IST
आत्महत्या करने के लिए...- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV आत्महत्या करने के लिए टॉर्च जलाकर रेलवे ट्रैक पर सोया था युवक

गोपालगंज (बिहार): रात के साढ़े दस बज रहे थे ट्रेन अपने रफ्तार में चल रही थी कि अचानक रेलवे ट्रैक पर एक टॉर्च दिखाई देती है फिर लोको पायलट सोचने लगता है। नजदीक आने पर ट्रैक पर लेटा एक युवक भी दिखने लगता है, जिससे लोको पायलट तुरंत इमरजेंसी ब्रेक लगा देता है। जब तक ट्रेन रुक पाती तब तक युवक के ऊपर से डिब्बा आगे बढ़ चुका था लेकिन अजूबा यह था कि वह शख्स सुरक्षित इस रेलवे ट्रैक पर सिकुड़ा हुआ था। इसके बाद लोको पायलट ने समझा बुझाकर युवक को सुरक्षित बाहर निकाला।

घरवालों की फटकार से नाराज होकर सुसाइड करने आया था युवक

दरअसल, 4 सितंबर की देर रात सिवान से गोपालंगज के पंचदेवरी के लिए एक पैसेंजर ट्रेन निकली थी। रात के 10:30 बजे जैसे ही ट्रेन हथुआ से आगे बढ़ी और लाइन बाजार हॉल्ट के पास पहुंची तो ट्रेन के लोको पायलट को ट्रैक पर टॉर्च जलती दिखाई दी। इसके बाद ट्रेन के इंजन में मौजूद दो लोको पायलटों ने अपनी सूझबूझ से इमरजेंसी ब्रेक लगा दिए। ट्रेन रुकते ही उतर कर देखा तो ट्रेन के नीचे ट्रैक के बीच एक युवक सिकुड़ा हुआ बैठा था। फिर दोनों लोको पायलटों के उसे ट्रेन के नीचे से सुरक्षित बाहर निकला। पूछताछ की गई तो उसने बताया, मैं घरवालों की फटकार से नाराज होकर रेलवे ट्रैक पर आत्महत्या करने आया हूं। युवक ने अपना नाम सुमन चौधरी बताया और वह पेडेया गांव का रहने वाला है। ट्रेन के दोनों लोगों पायलटों की सूझबूझ से एक बड़ी दुर्घटना होते-होते बच गई।

'ट्रैक के बीच सुरक्षित बच जाना यह चमत्कार से कम नहीं'
उस वक्त ट्रेन के इंजन में दो लोको पायलट मौजूद थे। वरिष्ठ सहायक लोको पायलट शेषनाथ सिंह ने बताया कि पहले तो ऐसा प्रतीत हुआ कि शायद कोई शराब पीकर रेलवे ट्रैक पर सो गया है लेकिन जब उससे पूछताछ की गई तो उसने बताया कि घर वालों से नाराज होकर वह आत्महत्या करने आया था।

वहीं, दूसरे लोको पायलट राकेश कुमार ने बताया कि यह अपने आप में बड़ी घटना है। सामान्य तौर पर रेल के संपर्क में आने से ही लोगों की मौत हो जाती है लेकिन दो ट्रैक के बीच सुरक्षित बच जाना यह चमत्कार से कम नहीं है। हालांकि कुछ दूरी पहले से रेलवे ट्रैक पर टॉर्चनुमा लाइट देखे जाने के बाद हम लोग लगातार हॉर्न बजाते रहे। हॉर्न सुनकर व्यक्ति डर गया और ट्रैक के बीच सिकुड़ गया जिसकी उसकी जान बच गई।

दोनों लोको पायलटों को मिलेगा अवार्ड  
साहसिक और सही समय पर सही निर्णय के चलते दोनों लोको पायलटों को डीआरएम द्वारा प्रोत्साहित किया जाएगा। विकट और कठिन परिस्थिति में इमरजेंसी ब्रेक लगाकर व्यक्ति को कुशल रेलवे ट्रैक से बाहर निकाल लेना रेलवे और लोको पायलटों के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। आने वाले दिनों में एक निश्चित तारीख पर दोनों चालकों को डीआरएम द्वारा प्रोत्साहित किया जाएगा।

(रिपोर्ट- अयाज़ अहमद)

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